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अमेरिकी अपराध जगत में बदनाम हैं कई सफेदपोश भारतीय, जानें इनके बारे में

हिंडनबर्ग ने हाल ही में ट्विटर के पूर्व संस्थापक जैक डोर्सी पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। डोर्सी की कंपनी ब्लॉक इंक में मुख्य वित्तीय अधिकारी का पद संभालने वाली अमृता आहूजा भी सवालों के घेरे में हैं। लेकिन आहूजा एकमात्र ऐसी भारतीय अमेरिकी नहीं हैं।

अमृता आहूजा और निषाद सिंह (फाइल फोटो)

अमेरिका में भारतीय मूल के ऐसे वित्तीय सफेदपोशों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो किसी न किसी आर्थिक अपराध को लेकर चर्चा में हैं। निवेशक अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में ट्विटर के पूर्व संस्थापक जैक डोर्सी पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए हैं। डोर्सी की कंपनी ब्लॉक इंक में मुख्य वित्तीय अधिकारी का पद संभालने वाली अमृता आहूजा भी सवालों के घेरे में हैं। लेकिन आहूजा एकमात्र ऐसी भारतीय अमेरिकी नहीं हैं, अलग-अलग आरोपों की वजह से बदनामी का दाग झेल रहे भारतवंशियों की संख्या कहीं ज्यादा है।

अमृता आहूजा : ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी की अगुवाई वाली मोबाइल पेमेंट कंपनी ब्लॉक इंक की सीईओ हैं अमृता। आरोप है कि उन्होंने फर्जी तरीके से यूजर्स की संख्या को बढ़ाया। साथ ही कंपनी ने नए ग्राहकों को जोड़ने की लागत को काफी कम करके बताया। आहूजा दूसरी पीढ़ी की भारतीय अप्रवासी हैं जिनके माता-पिता भारत से अमेरिका आ गए थे। अमृता ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, ड्यूक यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड सहित शीर्ष संस्थानों में अध्ययन किया है। ब्लॉक इंक में शामिल होने से पहले वह मॉर्गन स्टेनली, एयरबीएनबी, मैकिन्से और डिज्नी में काम कर चुकी हैं। पिछले साल वह फॉर्च्यून पत्रिका की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक थीं।

निषाद सिंह : कैलिफोर्निया में पले-बढ़े अमेरिकी नागरिक निषाद सिंह क्रिप्टोकरंसी फर्म एफटीएक्स के इंजीनियरिंग डायरेक्टर थे। पिछले साल कंपनी डूब गई। 27 वर्षीय निषाद को इस महीने की शुरुआत में छह आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया गया। निषाद बैंकमैन-फ्राइड के भाई के बचपन के दोस्त हैं। वह अल्मेडा रिसर्च में काम करते थे और बाद में बैंकमैन-फ्राइड के साथ एफटीएक्स की स्थापना करने वाली टीम का हिस्सा रहे। उन्होंने राजनीतिक अभियानों के लिए बड़े-बड़े दान भी किए थे।

ईशान वाही : कॉइनबेस कंपनी के पूर्व उत्पाद प्रबंधक ईशान वाही को गोपनीय व्यावसायिक जानकारी का उपयोग करके क्रिप्टोकरेंसी में इनसाइडर ट्रेडिंग के जरिए धोखाधड़ी करने की साजिश के दो मामलों में दोषी ठहराया गया है। भारतीय मूल के वाही को जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया गया था। इस साल फरवरी में अमेरिकी जिला अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी ठहराया। जून 2021 और अप्रैल 2022 के बीच कई मौकों पर उन्होंने अपने भाई निखिल वाही और दोस्त समीर रमानी को अपने कारोबार से जोड़ा था।

रतन किशोर गिरि : भारतीय अमेरिकी रतन किशोर गिरि को अमेरिकी संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने ओहायो में क्रिप्‍टोकरेंसी निवेश धोखाधड़ी के आरोप में पकड़ा है। आरोप है कि उन्होंने कम से कम 10 मिलियन डॉलर (82 करोड़ रुपये) इकट्ठा किए। न्यू अल्बानी के 27 वर्षीय गिरी ने पहले बिटकॉइन डेरिवेटिव्स के व्यापार में विशेषज्ञता हासिल की। उसके बाद खुद को एक विशेषज्ञ क्रिप्टोकरंसी ट्रेडर के रूप में धोखाधड़ी के तरीके बताने लगे।

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