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पेटेंट सिस्टम की खोली पोल, भारतीय अमेरिकी प्रीति कृष्टेल को प्रतिष्ठित मैकआर्थर फेलोशिप

कैलिफोर्निया में रहने वाली 44 वर्षीय प्रीति कृष्टेल के बारे में बताया गया कि एक स्वास्थ्य न्याय वकील के रूप में उन्होंने वैश्विक स्तर पर सस्ती जीवनरक्षक दवाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए पेटेंट प्रणाली में असमानताओं को उजागर करने का काम किया है।

कैलिफोर्निया में रहने वाली भारतीय-अमेरिकी स्वास्थ्य न्याय वकील प्रीति कृष्टेल को प्रतिष्ठित मैकआर्थर फैलोशिप के लिए चुना गया है। फाउंडेशन ने घोषणा की है कि प्रीति उन 25 कलाकारों, आंदोलनकारियों, विद्वानों और वैज्ञानिकों में शामिल हैं जिन्हे इस बार 'असाधारण रचनात्मकता' के लिए फेलोशिप प्रदान की गई है। बोलचाल की भाषा में इसे जीनियस' सम्मान भी कहा जाता है।

फाउंडेशन के अनुसार इस बार चुने गए विजेताओं में 15 देशों के 10 पुरुष और 15 महिलाएं हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार फेलोशिप के तहत चयनित व्यक्ति को 5 वर्ष में 8 लाख डॉलर का अनुदान दिया जाता है। इस बार की विविध श्रेणी में संगीतकारों, कलाकारों, लेखकों, आंदोलनकारियों, 'बहुराष्ट्रीय' पहचान रखने वालों के साथ ही कई शिक्षाविदों को भी शामिल किया गया है।

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