अमेरिका में भारतीय मूल के मिहिर मेघानी एक चिकित्सक हैं। डॉ. मिहिर ने हिंदू धर्म को लेकर जागरूकता फैलाने और इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए 40 लाख डॉलर देने का वादा किया है। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि मिहिर की कोई स्टार्टअप कंपनी नहीं है, उनका और कोई साइड बिजनेस नहीं है। वह वेतन पर परिवार चलाने वाले आपातकालीन डॉक्टर हैं। उनकी पत्नी एक फिटनेस प्रशिक्षक और आभूषण डिजाइनर हैं। लेकिन उन्हें अपने हिंदू होने पर गर्व है। वह इसके लिए कुछ करना चाहते हैं।
#DiwaliCelebration at @WestCare Village South in South Florida as a partnership of @hinduampac of South Florida & Gummakonda Foundation. Gift bags, toys & services offered to those in need.
— Hindu American PAC (@hinduampac) November 22, 2023
Thanks @Robin_Bartleman & @irissiple for joining us for this celebration! Happy Diwali! pic.twitter.com/CoINGXKPsZ
इस बारे में डॉ. मिहिर का कहना है कि हम सालाना लाखों डॉलर नहीं कमा रहे हैं। हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह हमारा धर्म है, यह हमारा कर्तव्य है। मिहिर का कहना है कि अधिकतर अमेरिकी लोग हिंदू धर्म को आसानी से नहीं समझते हैं, क्योंकि यहां अधिकतर लोग ईसाई हैं। जब वे अलग-अलग धर्मों को देखते हैं, तो वे यह नहीं समझ पाते कि हिंदू धर्म सिर्फ एक धर्म नहीं है, एक जीवन पद्धति है। यह जीवन के बारे में सोचने का एक तरीका है। मिहिर का कहना है कि हिंदू सिर्फ एक धर्म ही नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है। और इस जीवन पद्धति को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
YOU have the power to change the narrative about Hinduism. Become an HAF Dharma Ambassador!
— Hindu American Foundation (@HinduAmerican) November 22, 2023
Saturday, December 9, 2023 | 10:00 am – 12:00 pm PT
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यूनिवर्सिटी से बाहर निकलते ही डॉ. मेघानी और उनके तीन दोस्त असीम शुक्ला, जो यूरोलॉजिक सर्जरी में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वकील सुहाग शुक्ला और श्रम कानून वकील निखिल जोशी ने सितंबर 2003 में हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (HAF) की स्थापना की थी। उन्होंने इस महीने की शुरुआत में सालाना सिलिकॉन वैली समारोह में अगले आठ वर्षों में हिंदू हित के लिए 15 लाख डॉलर देने का वादा किया था। इसके साथ ही हिंदू हित के उद्देश्य से वह दो दशक में 40 लाख डॉलर प्रदान करेंगे।
डॉ मेघानी ने एक साक्षात्कार में बताया कि मेरी पत्नी तन्वी और मैंने अब तक 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' को 15 लाख डॉलर का योगदान दिया है। हमने पिछले 15 वर्षों में अन्य हिंदू और भारतीय संगठनों को इस उद्देश्यों के लिए दस लाख डॉलर से भी अधिक का योगदान दिया है। अगले आठ वर्षों में हम भारत समर्थक और हिंदू संगठनों को 15 लाख डॉलर देने का संकल्प ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो हिंदू भारत से आ रहे हैं, वे यह नहीं समझते हैं कि उनकी एक हिंदू पहचान और एक भारतीय राष्ट्रीय पहचान है। उन्होंने कहा क्हथ्में हिंदुओं को भारतीय या भारतीय पहचान में मजबूत होने की जरूरत है, जो हमारी सभ्यता की पहचान है। उन्हें अपनी हिंदू पहचान के बारे में बहुत गर्व और खुला होना चाहिए। और जब उनके पास यह होगा, तो उनके सहकर्मी, उनके दोस्त और पड़ोसी हमें बेहतर समझेंगे।
उन्होंने कहा कि वाशिंगटन डीसी में एचएएफ की शुरुआती सफलताओं में से एक दिवाली को अमेरिका में मान्यता दिलाना था। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन, जो अपने शुरुआती वर्षों में स्वयंसेवा पर आधारित था। आज इसका 2.5 मिलियन अमरीकी डालर का सालाना बजट है। इसमें कई पूर्णकालिक कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि इसका लक्ष्य अगले साल अपने बजट को बढ़ाकर 50 लाख डॉलर और दशक के अंत तक दो करोड़ डॉलर करना है।