अमेरिकियों को भारतीय खाना बनाना सिखाने वाले भारतीय अमेरिकी शेफ, कुकबुक लेखक और करी विशेषज्ञ राघवन अय्यर का निधन हो गया है। अय्यर लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। अय्यर ने '660 करी' नाम की किताब समेत कुल 7 कुकबुक लिखी हैं। वह 61 साल के थे।
अय्यर अमेरिका के मिनियापोलिस में रहते थे और अपनी मृत्यु के दौरान वह सैन फ्रांसिस्को में थे। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार उनकी मृत्यु की वजह निमोनिया था जो कोलोरेक्टल कैंसर की वजह से ज्यादा गंभीर हो गया था। उनके फेफड़े और दिमाग में मेटास्टेसाइज हो गया था।
अय्यर आखिरी बार मार्च में मीडिया से मुखातिब हुए थे। उन्होंने बीबीसी के साथ अंतिम साक्षात्कार में अपनी नई और आखिरी किताब 'ऑन द करी ट्रेल: चेजिंग द फ्लेवर दैट सेड्यूड द वर्ल्ड' के बारे में बात की थी। अय्यर ने साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें आशा है कि उनकी यह किताब दुनिया भर में उनकी भारतीय खाना बनाने विशेष रूप से करी को लेकर बहुमुखी प्रतिभा की स्थायी विरासत बनाने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि किताब इस बात की कहानी कहती है कि किस तरह करी भारत से बाहर पूरी दुनिया तक पहुंची। अपनी किताबों के माध्यम से वह चाहते थे कि उनके पाठकों को पता चले कि करी पाउडर की तुलना में करी के लिए और भी बहुत कुछ है। उन्होंने पुस्तक को ‘करी की दुनिया के लिए प्रेम पत्र’ के रूप में वर्णित किया था।
बता दें कि राघवन अय्यर का जन्म 21 अप्रैल 1961 को तमिलनाडु के चिदंबरम में हुआ था। उनकी मां गंगाबाई रामचंद्रन एक गृहिणी थीं जबकि पिता एस. रामचंद्रन भारतीय नौसेना में एक अधिकारी थे। हालांकि उनका परिवार बाद में मुंबई शिफ्ट हो गया था। वह छह बच्चों में सबसे छोटे थे। उनकी सबसे बड़ी बहन ललिता अय्यर प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ थीं। ललिता ने ही अपनी मां को जन्म देने में मदद की थी।