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कभी हॉकी में सुपरपावर रहा भारत इस वर्ल्ड कप में खत्म कर पाएगा 48 साल का सूखा?

ओलिंपिक में 8 बार गोल्ड मेडल जीतने वाला भारत 1975 में हॉकी का वर्ल्ड चैंपियन बना था। 1978 से 2014 तक तो टीम ग्रुप राउंड से आगे नहीं बढ़ सकी। लेकिन इस बार टीम से काफी उम्मीदें हैं। मेजबान टीम चैंपियन बेल्जियम की तुलना में बेहतर स्थिति में नजर आ रही है।

सांकेतिक तस्वीर साभार सोशल मीडिया

हॉकी वर्ल्ड कप की शुरुआत बीते 13 जनवरी से हो चुकी है। 29 जनवरी तक चलने वाले इस खेल में 16 टीमें कप पर कब्जा करने के इरादे के साथ उतर चुकी हैं। भले ही यह 15वां वर्ल्ड कप हो लेकिन भारत को बीते 48 साल से चैम्पियन बनने का इंतजार है। इस बार हॉकी वर्ल्ड कप मैच की मेजबानी भारत कर रहा है और इसका आयोजन भारत के उड़ीसा राज्य में किया जा रहा है। हॉकी में स्वर्णिम इतिहास के बावजूद भारत इस टूर्नामेंट में अब तक विशेष कामयाबी हासिल नहीं कर सका है। क्या इस बार ये सूखा खत्म हो पाएगा, आइए पड़ताल करते हैं।

ओलिंपिक में 8 बार गोल्ड मेडल जीतने वाला भारत 1975 में हॉकी का वर्ल्ड चैंपियन बना था। 1978 से 2014 तक तो टीम ग्रुप राउंड से आगे नहीं बढ़ सकी। भारत ने पहली बार 1982 में महाराष्ट्र राज्य के मुंबई में हॉकी वर्ल्ड कप मैच की मेजबानी की थी। मुंबई में हुए 1982 के हॉकी वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन खास नहीं रहा था। वो पांचवें स्थान पर रही थी। यह तब था जब भारतीय टीम को 1975 के बाद से अपनी पहली टूर्नामेंट जीत की तलाश थी। 2010 में भारत को फिर से मेजबानी का मौका मिला। लेकिन उस मैच में भारत आठवें स्थान पर रहा। भारत ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 4-1 को हराया था।

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