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भारतवंशी मेयर जोशी ने गिनाए अपने कार्य, कहा- अभी बहुत कुछ करना है

सैम जोशी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक-निजी हिस्सेदारी और साझा सेवाओं पर जोर दिया था। उन्होंने यह वादा किया था कि उनके मेयर बनने पर इन दोनों पर उनका विशेष जोर रहेगा। उन्होंने अमेरिका के प्रतिष्ठित रटगर्स यूनिवर्सिटी से लेबर स्टडीज और पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की है।

भारतवंशी मेयर सैम जोशी (फोटो साभार : सोशल मीडिया) 

न्यू जर्सी के पहले भारतीय-अमेरिकी मेयर सैम जोशी ने अपने कार्यकाल के 100 दिन पूरे करने पर अपने काम का रिपोर्ट कार्ड पेश किया और अपनी उपलब्धियां गिनाईं। बता दें कि यह अमेरिका का एक ऐसा शहर हैं जहां भारतीय-अमेरिकी नागरिकों और दक्षिण एशियाई अमेरिकी बड़ी संख्या में बसे हुए हैं।

नवंबर 2021 में जब सैम ने चुनाव जीता था तब इस ऐतिहासिक अवसर पर जोरदार ढंग से कहा था कि हमारी रगों में अमेरिका बहता है, वहीं कार्यकाल के सौ दिन पूरे होने पर उन्होंने कहा, 'एडिसन मेरी रगों में है।'

सैम का जन्म एडिसन में ही हुआ था और ऐसा लगता है कि उन्होंने काफी कम उम्र ही तय कर लिया था कि वह एक दिन इस शहर के मेयर बनेंगे । इसकी वजह यह है कि उन्होंने महज 14 साल की उम्र में एडिशन यूथ सर्विस कॉर्प्स जॉइन कर लिया था। 13 साल बाद यानी 27 साल की उम्र में वह टाउन काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट बन गए थे। स्थानीय मीडिया वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में मेयर सैम ने कहा कि उन्होंने बहुत छोटी उम्र में पता चल गया था कि दिन वह एक दिन मेयर बनेंगे और इस शहर के लिए वह सारे काम करेंगे जो करना चाहते हैं।

कार्यभार संभालने के बाद से वह संपत्ति कर में सुधार की कोशिश में लगे हुए हैं और आवासीय संपत्ति कर के इतर अन्य स्रोतों से शहर के लिए राजस्व भी जुटाने में लगे हुए हैं।  वह केवल राजस्व बढ़ाने पर ही नहीं बल्कि अपनी सरकार के खर्चे कम करने पर भी फोकस कर रहे हैं। इसमें उन्हें टेक्नोलॉजी का सहारा मिल रहा है जिससे अलग-अलग विभागों के काम सरल हो रहे हैं।

सैम ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक-निजी हिस्सेदारी और साझा सेवाओं पर जोर दिया था। उन्होंने यह वादा किया था कि उनके मेयर बनने पर इन दोनों पर उनका विशेष जोर रहेगा। सैम यह दावा कर रहे हैं उन्होंने महज तीन महीने में अपने दो संकल्प को पूरा कर दिया है।  पहला, साउथ एडिशन प्रॉपर्टी को खरीदना जहां डेवलपर आलीशान गोदाम तैयार करना और दूसरा, यह कि उन्होंने डेवलपर को इस बात के लिए मना लिया है कि वे प्लेनफील्ड रोड पर टाउन हाउस न बनाएं।

चूंकि इस शहर में भारतीय अमेरिकी मूल के लोगों की संख्या अधिक है इसलिए सैम ने यहां की विविधता को देखते हुए मनोरंजन बजट को दोगुना कर दिया है। यहां के लोग क्रिसमस के साथ-साथ दिवाली भी पूरे जोश के साथ मनाते हैं। सैम जोशी ने अमेरिका के प्रतिष्ठित रटगर्स यूनिवर्सिटी से लेबर स्टडीज और पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की है। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद  उन्होंने लोनस्क्राइम नाम की कंपनी की स्थापना की । यह  कंपनी स्टूडेंट लोन मुहैया कराती है। वह 'द जुइस रेनेसां फाउंडेशन' के भी निदेशक मंडल का हिस्सा हैं।

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