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करतापुर साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है

यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। दोनों देशों के बीच तमाम विवादों के बावजूद ये एकमात्र ऐसा स्थान है जो भारतीयों को सीमा पार करने की अनुमति देता है ताकि भक्त गुरुद्वारे जाकर दर्शन कर सकें।

Photo by Azam Ch / Unsplash

सिखों का धार्मिक स्थल गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित है। इस पवित्र स्थान पर दोनों देशों के लोग बड़ी संख्या में आते हैं। यह स्थान सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का अंतिम घर माना जाता है।

यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। ध्यान देने वाली बात यह है कि गुरुद्वारा सीमा रेखा के इतना करीब है कि कोई भी इसे भारत की सीमा में खड़ा होकर भी देख सकता है। दोनों देशों के बीच तमाम विवादों के बावजूद ये एकमात्र ऐसा स्थान है जो भारतीयों को सीमा पार करने की अनुमति देता है ताकि भक्त गुरुद्वारे जाकर दर्शन कर सकें।

Gurdwara Darbar Sahib, Kartarpur Pakistan
गुरुद्वारा सीमा रेखा के इतना करीब है कि कोई भी इसे भारत की सीमा में खड़ा होकर भी देख सकता है। Photo by Aryan Ghauri / Unsplash

अगर आप भी इस जगह की यात्रा की योजना बना रहे हैं तो हम आपको वो सब जानकारी दे रहे हैं जो आपको जाननी जरूरी है।

  • जो लोग पाकिस्तान के करतारपुर साहिब जाने का इरादा रखते हैं उन्हें पहले से पंजीकरण कराना होगा।
  • यह पंजीकरण आपकी यात्रा की प्रस्तावित तिथि से पहले करना अनिवार्य है।
  • ध्यान दें पंजीकरण का मतलब यह नहीं है कि आपको यात्रा करने का अधिकार मिल गया है।
  • अनुमति का पता इस बात से चलता है कि उनके आवेदन में दिए गए ई-मेल पर इलेक्ट्रॉनिक ट्रेवल ऑथोराइजेशन (ETA) भेजा जाता है।
  • बतौर आवेदक आपको यह ETA डेरा बाबा नानक ICP ले जाने की आवश्यकता होती है।
  • गुरुद्वारे के दर्शन करने वाले सभी लोग सुबह जाते हैं और उन्हें उसी दिन वापस लौटना होता है।
  • यह भी ध्यान दें कि सभी को केवल श्री करतारपुर साहिब के दर्शन करने की अनुमति होगी। इसके अलावा वे कहीं बाहर नहीं जा सकते।
Kartar Pur, Darbar Sahib, Indo-Pak border, Pakistan.
Guru Nanak founded the Kartarpur town by Ravi River in 1515, plowing the fields and setting up a community kitchen, or Langar. He assembled a Sikh commune there, and lived for 18 years until his death on 22 September 1539. The gurdwara is built where Guru Nanak is said to have died.
करतारपुर साहिब गुरुद्वारा। Photo by Aryan Ghauri / Unsplash

किन बातों का रखें ध्यान

  • वहां जाने के लिए आप पर्यावरण के अनुकूल सामग्री ही साथ लें। अपने आसपास के वातावरण को साफ रखने के लिए कपड़े के थैले का उपयोग करें।
  • आपको सिर्फ 7 किलो वजन का केवल एक बैग ले जाने की अनुमति होगी। इसमें पीने का पानी भी शामिल होगा।

क्या न करें

  • पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग (PTB) परिसर के अंदर धूम्रपान, तंबाकू का सेवन और शराब पीने की अनुमति नहीं है। ऐसा करेंगे तो सख्त कार्रवाई की जाती है।
  • किसी भी अंजान वस्तु को न छुएं और सुनिश्चित करें कि आप कुछ भी संदिग्ध पाए जाने पर अधिकारियों को सूचित करें।

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