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भारत में अपनी जड़ों पर गर्व करने वाले अमेरिकी डॉक्टर शाह क्यों हैं चर्चा में

एरिजोना के फीनिक्स में राज्य प्रतिनिधि और भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर अमीश शाह को अपनी भारतीय-अमेरिकी विरासत पर गर्व है। शाह के मुताबिक गुजरात में महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम की यात्रा से मुझे बड़े पैमाने पर प्रेरणा मिली। दूसरों की सेवा में खुद को खोने की प्रेरणा मिली।

अमेरिका में प्रतिनिधि सभा के लिए होने वाले मध्यावधि चुनाव की दौड़ में भारतीय मूल के छह अमेरिकी नागरिक शामिल हो गए हैं। एरिजोना के फीनिक्स में राज्य प्रतिनिधि और भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर अमीश शाह ने ऐलान कर दिया है कि वह अपने राज्य से डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के रूप में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।

करीब 15 वर्षों से चिकित्सक और 2019 से एक सक्रिय राज्य प्रतिनिधि शाह को उम्मीद है कि अगर वह चुने जाते हैं तो वाशिंगटन डीसी में स्वास्थ्य से जुड़ी नीतियों और कानून की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। एरिजोना विधानमंडल के लिए तीन चुनाव जीतने के बाद शाह को गर्व है कि उनके कई विधेयकों पर कानून बनाने के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं। शाह का कहना है कि लोगों के जीवन को बेहतर बनाने वाले कानून का निर्माण करने के लिए किसी भी पार्टी में सहयोगियों के साथ आम राय बनाने की उनकी क्षमता है। शाह अब अपने राज्य के लोगों के मुद्दों को वाशिंगटन डीसी में ले जाने की उम्मीद करते हैं।

शाह का कहना है कि एरिजोना के लिए राज्य हाउस प्रतिनिधि के रूप में मेरे अभियान तीन मुख्य स्तंभों स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और लोकतंत्र पर केंद्रित रहे हैं। अपनी शिक्षा, कार्य के अनुभव और जनसेवा के प्रति मेरे लगाव को देखते हुए मुझे लगता है कि कांग्रेस में अपना दृष्टिकोण पेश करना मेरे लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मुझे अपने काम में खुशी मिलती है। गुजरात में महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम की यात्रा से मुझे बड़े पैमाने पर प्रेरणा मिली। दूसरों की सेवा में खुद को खोने की प्रेरणा मिली। मेरे माता-पिता गुजराती मूल के हैं और पहली बार पद की दौड़ में आने से पहले गांधीजी के संदेश का मुझ पर बड़ा प्रभाव पड़ा था।

डॉ. शाह का कहना है कि मुझे अपनी भारतीय-अमेरिकी विरासत पर गर्व है। मुझे चिकित्सा पेशे में भारतीय मूल के लोगों के मजबूत नेटवर्क सहित समुदाय से बहुत समर्थन और सहयोग मिला है। चुनाव लड़ने और जीतने वाले भारतीय अमेरिकियों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई है। ‘इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट’ एक ऐसा संगठन है जो पूरे अमेरिका में बढ़ती संख्या पर नजर रख रहा है।

शाह के मुताबिक शिकागो में रहने वाले मेरे माता-पिता 1969 में भारत से अमेरिका आए थे। उनकी पीढ़ी के लोग खुद को स्थापित करने और बुनियादी जरूरतों को ठीक करने की कोशिश कर रहे थे। तब वे नींव की स्थापना कर रहे थे। आज हम अगली पीढ़ी के रूप में सिर्फ जरूरतों को पूरा करने के अलावा बहुत कुछ और कर रहे हैं। आज हम अमेरिकी सामाजिक ताने-बाने का हिस्सा बनने और इस बहुलवादी समाज में अपनी संस्कृति को साझा करने की कोशिश कर रहे हैं।

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