वसुधैव कुटुम्बकम का अर्थ है 'पूरी धरती एक घर है' और यह गोवा में क्रिसमस पर एकदम सटीक बैठता है। भारत के इस सबसे छोटे राज्य के पूरी दुनिया में बिखरे हुए प्रवासी इस मौके पर बड़ी संख्या में अपने घर की ओर लौटते हैं। हाथ से बनाए गए सितारों और जगमगाती रोशनी के बीच यहां की गलियां मानो जादुई हो जाती हैं।
क्रिसमस के दौरान आपको यहां हर ओर गिटार की धुनें सुनने को मिलेंगी और कोंकणी, पुर्तगाली व अंग्रेजी में लोग आपको कैरोल गाते मिल जायेंगे। इस त्योहार के मौके पर यहां की हर रसोई से स्थानीय व्यंजनों की वो सुगंध आती है जो उन रास्तों की छाप लिए हैं जो पूरी दुनिया जाते हैं।