कोरोना का कहर पूरी दुनिया पर टूटा। जान-माल समेत हर चीज का नुकसान हुआ। जब पूरी दुनिया इस चुनौती से जूझ रही थी, उसी समय पर्यटन कारोबार की सांसें भी घुट रही थीं। लेकिन दुनिया ने महामारी के भंवर को पार कर लिया और जीवन तेजी के साथ फिर पटरी पर लौट आया। इसी क्रम में भारत के हिमाचल प्रदेश में भी पर्यटन बाजार एक बार फिर गुलजार हो उठा है।
हिमाचल एक पर्यटन राज्य के रूप में विख्यात है। कोरोना काल के दौरान यहां का पर्यटन व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित हुआ। लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। कोरोना से ठीक पहले यानी 2019 में हिमाचल प्रदेश में 1.72 करोड़ पर्यटक पहुंचे थे और बीते साल 2022 में, 1.51 करोड़ सैलानियों ने हिमाचल में कदमताल की। इन 1.51 करोड़ बाहरी लोगों में 29,333 विदेशी पर्यटक थे। हिमाचल के कुल्लू और शिमला में 36 फीसदी पर्यटक पहुंचे।
पर्यटन विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2021 की तुलना में 2022 में पर्यटकों की संख्या में 62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2021 में केवल 56.37 लाख पर्यटक राज्य में आए थे। मई और जून में सबसे अधिक 18.70 लाख और 20.63 लाख पर्यटकों ने राज्य का रुख किया। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पर्यटन क्षेत्र का योगदान लगभग 7.5 प्रतिशत है। हालांकि होटल, होम स्टे और अन्य सहित अपंजीकृत आवासों में रहने वाले पर्यटकों को इस डेटा में शामिल नहीं किया गया है।
पर्यटन और हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप ने कहा कि कोविड प्रतिबंधों की वजह से लोगों का जीवन नीरस हो गया था। दिनचर्या भी उबाऊ हो गई थी। मगर अब लोग बाहर निकल रहे हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पर्यटन विभाग द्वारा सैर-सपाटे को लेकर आक्रामक प्रचार किया गया। उससे सैलानियों की संख्या बढ़ी।
उन्होंने बताया कि हमने स्थानीय भाषाओं में जिंगल्स के माध्यम से मार्केटिंग पर ध्यान केंद्रित किया। टेलीविजन, मल्टीप्लेक्स, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर विज्ञापन दिया। सोशल मीडिया पर छोटे वीडियो जारी किए, जिनमें सभी 12 जिलों के अनछुए ठिकानों को आकर्षण के साथ दर्शाया गया था। हमारी कोशिश रंग लाई और परिणाम मिलने लगे। पर्यटकों की आमद पूर्व-कोविड आंकड़ों के लगभग 87 प्रतिशत को छू गई है।
मनाली होटेलियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश ठाकुर ने बताया कि अटल टनल (रोहतांग) लाहौल-स्पीति का नया प्रवेश द्वार बनकर उभरा है और इसने बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर खींचा है। पर्यटक लाहौल-स्पीति के सिस्सू में भी जा रहे हैं।
तिब्बती गुरु दलाई लामा का निवास धर्मशाला एक पसंदीदा पर्यटन स्थल है। शिमला पहाड़ों की रानी के तौर पर मशहूर है। कुल्लू-मनाली बर्फबारी और बर्फीले खेल-कूद के लिहाज से जग-प्रसिद्ध है। यही नहीं कांगड़ा, बिलासपुर, ऊना, सिमौर और मंडी के शक्ति पीठों में पर्यटकों की आवाजाही सालभर बनी रहती है, जिसने फिर गति पकड़ी है।