अगर आपको ट्रेकिंग और कैंपिंग का शौक है और भीड़भाड़ से दूर रहना चाहते हैं तो भारत के हिमाचल प्रदेश में एक जगह है, बरोट। यह स्थल मंडी जिले में स्थित एक छोटा सा गांव है। बरोट 1835 मीटर की ऊंचाई पर उहल नदी के तट पर स्थित एक सुंदर जगह है। धौलाधार पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है। बरोट अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यह अपने ट्राउट फिश फार्म के लिए प्रसिद्ध है।

उत्तर भारत में भीड़-भाड़ वाले पर्यटक स्थलों से दूर शांति सुकून के साथ हरियाली का आनंद लने वालों के लिए बरोट एक शानदार विकल्प है। शिमला, मनाली और धर्मशाला जैसे हिमाचल प्रदेश के अति लोकप्रिय स्थानों की तुलना में बरोट कम प्रसिद्ध है। हालांकि रोमांच के प्रति उत्साही, प्रकृति प्रेमियों और लीक से हटकर डेस्टिनेशन घूमने वालों के लिए यह तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

यह गांव अपनी पारंपरिक वास्तुकला, स्थानीय संस्कृति और लोगों के दोस्ताना व्यवहार के लिए भी जाना जाता है। बरोट अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांतिपूर्ण वातावरण और ट्रेकिंग, कैंपिंग, मछली पकड़ने और बर्डवॉचिंग के साथ पर्यटकों को अनूठा अनुभव प्रदान करता है। यदि आप मछली पकड़ने के शौकीन हैं तो यह उहल नदी में ट्राउट मछली पकड़ने के लिए उत्कृष्ट स्थान है।
बरोट में अंग्रेजों द्वारा निर्मित शानन पावर प्रोजेक्ट का जलाशय भी है जो बरोट की सुंदरता को बढ़ाता है। बरोट 278 वर्ग किमी के क्षेत्र में फैले नर्गू वन्यजीव अभयारण्य का गेटवे भी है। यह मोनल, जंगली बिल्लियों, बंदरों और काले भालू का घर है। बरोट कुल्लू और काँगड़ा घटी के ट्रेकिंग मार्ग का आधार कैंप है। यहां के नजारे आपको जरूर आकर्षित करेंगे।
हिमाचल प्रदेश के भीड़ भरे पर्यटन स्थलों के उलट बरोट एक ऑफबीट डेस्टिनेशन है जो सुकून चाहने वालों को अद्भुत अनुभव प्रदान करता है। यहां से आप नजदीकी जोगिंदर नगर घाटी, मंडी शहर और बीर-बिलिंग जैसी जगहों पर भी घूमने जा सकते हैं।
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