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गहरी नींद नहीं आती तो आजमाइए आयुर्वेद में बताए गए ये पांच नियम, बदल जाएगा जीवन

आयुर्वेद में अच्छे स्वास्थ्य के लिए बताई गई तीन मूल बातों में भोजन और ब्रह्मचर्य के साथ निद्रा यानी नींद को रखा गया है।

Photo by Kinga Cichewicz / Unsplash

आयुर्वेद के अनुसार नींद जीवन का एक मूल लक्षण है और सभी जीवों के लिए अनिवार्य है। हमारी शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक चेतना के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में अच्छे स्वास्थ्य के लिए बताई गई तीन मूल बातों में भोजन और ब्रह्मचर्य के साथ निद्रा यानी नींद को रखा गया है। यह बताता है कि नींद स्वास्थ्य के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।

अच्छी नींद का बहुत सकारात्मक असर होता है जो हमारी पूरी लाइफस्टाइल को बेहतर करता है। Photo by bruce mars / Unsplash

हमारी सोने की आदत अगर ठीक नहीं है तो इसका असर हमारे दैनिक जीवन पर भी देखने को मिलता है। अच्छी नींद का बहुत सकारात्मक असर होता है जो हमारी पूरी लाइफस्टाइल को बेहतर करता है। शहर का तनाव भरा जीवन और अस्त-व्यस्त दिनचर्या के चलते नींद ठीक से नहीं ले पाते हैं तो आयुर्वेद के ये पांच नियम अपनाकर आप भी चैन सो सकते हैं।

पहला नियम

नींद को उसी तरह प्राथमिकता हैं जिस तरह आप सोकर उठने के बाद ब्रश करते हैं। रात 10 से 11 बजे कर बिस्तर पर जाने की आदत डालिए। आपका शरीर स्वस्थ लिए इसके लिए समय से और नियम से एक तय समय पर सोना बहुत जरूरी है।

दूसरा नियम

अगर आपको नींद आती है तो इसे रोकने की कोशिश मत करिए। इससे शरीर का संतुलन बिगड़ता है और ऐसा करने से सिर में दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

तीसरा नियम

अच्छी और सुकून भरी नींद के लिए गुनगुने तिल के तेल से पैरों की मालिश करें। इसे पदभयंगम कहा जाता है। यह प्रक्रिया हमारे शरीर को धरती के साथ जोड़ने में मदद करती है।

चौथा नियम

जब भी सोने जाएं तो ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें। इससे आपको जल्दी सोने में मदद मिलती है। हमेशा साफ और आरामदायक माहौल में सोएं। रोशनी में सोने से परहेज करें और अंधेरे में ही सोएं।

पांचवां नियम

अपने सोने के समय में बदलाव न करें। अच्छी नींद खुशहाली और मजबूती का स्रोत है। अगर आप रोज अच्छी नींद लेते हैं तो इसका असर आपके पूरे जीवन पर दिखाई देगा। लेकिन इस नियम का रोज और नियमित तरीके से पालन करना जरूरी है।

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