सिद्धियां प्राप्त करने की एक प्राचीन परंपरा है तंत्र विद्या। देवी-देवताओं को प्रसन्न करके उनसे अलौकिक शक्तियां प्राप्त करने की कहानियां तमाम पुरातन ग्रंथों में लिखी हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ मंदिरों में आज भी ऐसी प्रथाएं कायम हैं। खजुराहो जैसे कुछ मंदिरों की नक्काशी और कई साहित्यों में इसका उल्लेख मिलता है। आप भी इनके बारे में अधिक जानने के इच्छुक हैं, तो आइए बताते हैं इन मंदिरों के बारे में-
कामाख्या मंदिर : असम के गोहाटी में है यह मंदिर। यह देवी दुर्गा के 108 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि देवी सती की योनि इसी स्थान पर गिरी थी। यहां तंत्र साधना के लिए दूर-दराज से तांत्रिक आते हैं। यहां झरने के साथ एक रहस्यमय प्राकृतिक गुफा भी है।
कालीघाट : कोलकाता में यह तांत्रिकों का प्रमुख तीर्थस्थल है। मान्यता है कि यहां देवी सती की एक अंगुली गिरी थी। यहीं पर तांत्रिक आत्म-अनुशासन की प्रतिज्ञा लेने के लिए आते हैं। यहां से कई रहस्यमय कहानियां जुड़ी हैं।
बालाजी : राजस्थान में यह एक लोकप्रिय मंदिर है जहां तांत्रिक क्रियाएं की जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि बुरी आत्माओं को वश में करने और उनसे छुटकारा पाने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। भूत-प्रेत से पीड़ित व्यक्तियों को ठीक करवाने के लिए परिजन यहां लाते हैं।
खजुराहो : मध्य प्रदेश में स्थित यह स्थान कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा अपने शानदार शिल्प के तौर पर भी प्रसिद्ध है। हालांकि तांत्रिक केंद्र के रूप में भी इसका काफी महत्व माना गया है। ऐसा माना जाता है कि बहुत से लोग इस स्थान पर सांसारिक इच्छाओं से छुटकारा पाने और आध्यात्मिक शांति और अंत में निर्वाण पाने के लिए आते हैं।
काल भैरव मंदिर : मध्य प्रदेश के उज्जैन में है यह मंदिर। यहां काले चेहरे वाले भैरव का मंदिर है। अभिलेखों के अनुसार सपेरे, फकीर, आत्मज्ञान और सिद्धियों की तलाश करने वाले यहां तांत्रिक साधना करने के लिए पहुंचते हैं। दिलचस्प है कि यहां साधना के दौरान भगवान को शराब चढ़ाई जाती है।