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Exclusive: हिजाब से बदलाव की इबारत लिखेंगी इलिनोइस की नई विधायक नबीला

भारतीय मूल की नबीला सैयद ने 23 साल की उम्र में पहली मुस्लिम महिला के तौर इलिनोइस महासभा में पहुंचकर इतिहास रचा है। नबीला याद करती हैं कि स्कूल में कुछ सहपाठी उन्हें मजाक में आतंकवादी कहा करते थे लेकिन कुल मिलाकर अनुभव सकारात्मक ही रहा।

भारतीय मूल की नबीला सैयद ने 23 साल की उम्र में पहली मुस्लिम महिला के तौर इलिनोइस महासभा पहुंचकर इतिहास रच दिया है। उनके माता-पिता भारत के हैदराबाद से ताल्लुक रखते हैं। नबीला हाईस्कूल से ही हिजाब पहनती रही हैं। महासभा में पद की शपथ लेने के बाद न्यू इंडिया अब्रॉड के साथ एक इंटरव्यू में नबीला सैयद ने बताया कि मेरे लिए अपनी पहचान से बच पाना संभव नहीं था इसीलिए मैंने हिजाब पहनना पसंद किया। मुझे अपनी आस्था पर गर्व है।

नबीला याद करती हैं कि उनके कुछ सहपाठी मजाक में उन्हें आतंकवादी कहा करते थे लेकिन कुल मिलाकर हाईस्कूल का अनुभव सकारात्मक रहा।

नबीला याद करती हैं कि मेरे सहपाठी मुझे मजाक में आतंकवादी कहा करते थे लेकिन कुल मिलाकर हाईस्कूल का अनुभव मेरे लिए सकारात्मक ही रहा। हालांकि साल 2016 में उस समय सब कुछ बदल गया जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक धर्म विशेष के प्रति कथित पूर्वाग्रह लेकर व्हाइट हाउस पहुंचे। पदभार ग्रहण करने के कुछ समय बाद ही उन्होंने कई मुस्लिम बहुल देशों को निशाना बनाते हुए उनकी अमेरिकी यात्रा पर रोक लगा दी थी।

नबीला ने आगे कहा कि उस वक्त मुझे लगा था कि यह किसी स्कूल की क्लास नहीं है। आखिरकार वह राष्ट्रपति हैं। उनके फैसलों ने मेरा जीवन-संसार हिला दिया था। मैं खुद से सवाल कर रही थी कि मेरे जैसे लोग इस देश से वाकई कोई वास्ता रखते भी हैं या नहीं। बस यहीं से मेरी दुनिया बदलती चली गई।

नबीला कहती हैं कि अगर ट्रम्प और उनके जैसे लोगों का बस चलता तो वे हम सबको तब तक ठोकर मारते रहते जब तक कि हम इस देश से बाहर नहीं हो जाते। लेकिन सब कुछ उनके जैसों की मर्जी से नहीं चल सकता। हमें यहां जगह बनानी है। न सिर्फ अपने लिए बल्कि दूसरे समुदायों के लिए भी।

नबीला सैयद ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि उनके जेहन में ऐसे कई मुद्दे हैं जिनपर अपने कार्यकाल के दौरान वह ध्यान केंद्रित करेंगी।

अमेरिका के इलिनोइस में मुसलमानों की छठी सबसे बड़ी आबादी है लेकिन अब तक राज्य विधानमंडल में कोई मुस्लिम प्रतिनिधित्व नहीं था। नबीला के साथी डेमोक्रेट अब्देलनासर रशीद ने भी 2022 के मध्यावधि चुनाव में इलिनोइस महासभा में जीत दर्ज की थी।

काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस एंड जेटपैक रिसोर्स सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार 82 मुस्लिम अमेरिकियों ने स्थानीय, राज्य विधायी, राज्यव्यापी, न्यायिक और संघीय चुनाव में जीत प्राप्त की है जो मुस्लिम प्रतिनिधियों की अब तक की सबसे अधिक संख्या है।

नबीला सैयद ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि उनके जेहन में ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर वह अपने कार्यकाल के दौरान ध्यान केंद्रित करेंगी। इनमें सबसे बड़ा मुद्दा है बंदूक संस्कृति पर नियंत्रण। वह कहती हैं कि बड़े पैमाने पर गोलीबारी की घटनाओं ने परिवारों, स्कूलों और शिक्षकों को बर्बाद कर दिया है। हमें इस पर तत्काल विराम लगाना होगा।

नव-निर्वाचित विधायक की प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य सेवाएं भी हैं। वह चाहती हैं कि डॉक्टर और बीमारी का खर्चा उठाने के लिए किसी नागरिक को अपना बैंक खाता खाली करने की जरूरत न पड़े। नबीला ने जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों और न्यायसंगत नौकरी अधिनियम का समर्थन करने की भी बात कही है।

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