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शख्सियत: जब कनाडा पर आई कोविड की आफत, ढाल बनीं भारत की यह बेटी

अनिता आनंद अपने दो साल के राजनीतिक करियर में पीएम जस्टिन ट्रुडो की विश्वास पात्र बन चुकी थीं और शायद यही वजह रही है कि 2021 में दोबारा संसद पहुंची अनिता को ट्रुडो ने रक्षा मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी दी। उनका कहना है कि वह कनाडा में रहने वाले भारतीय समुदाय से गहरा जुड़ाव महसूस करती हैं।

कनाडा की पहली हिंदू मंत्री अनिता आनंद। ( फोटो साभार: इंस्टाग्राम)

भारत के तमिल पति-पंजाबी पत्नी की मुलाकात आयरलैंड में होती है वे इंग्लैंड में शादी करते हैं, कुछ साल भारत में रहने के बाद नाइजीरिया चले जाते हैं और फिर कनाडा के नोवा स्कॉटिया में बस जाते हैं जहां 1967 में जन्म होता है उनकी दूसरी बेटी अनिता आनंद का, जो आज कनाडा की रक्षा मंत्री हैं। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 2021 में भारतीय मूल की जिस महिला पर भरोसा जताया है। वह कनाडा की पहली हिंदू मंत्री भी हैं जिन्हें, अपने भारतीय पृष्ठभूमि पर बहुत गर्व है। हम आगे बात करेंगे उनके राजनीतिक करियर और भारत कनेक्शन की...

राजनीति में धमाकेदार एंट्री

सितंबर 2021 में अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के दो महीने बाद ही ट्रुडो ने कैबिनेट का विस्तार किया और एक बड़ा मंत्रालय अनिता आनंदा को सौंपा। अनिता का राजनीतिक करियर कइयों के मन ईर्ष्या पैदा कर सकता है क्योंकि राजनीति में कदम रखने के महज दो साल बाद ही वह देश के रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने लगीं। 2019 में लिब्रल पार्टी की टिकट पर ओकविले से जीतकर हाउस ऑफ कॉमन्स पहुंचने से पहले अनिता आनंद यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में लॉ की प्रोफेसर रही हैं। उनका शैक्षणिक करियर शानदार रहा है और उनकी प्रतिभा को देखते हुए एक महीने के अंदर ही ट्रुडो ने उन्हें कैबिनेट में जगह दी और लोकसेवा एवं सरकारी खरीद मंत्रालय का प्रभार सौंपा। ट्रुडो का यह फैसला कनाडा के लिए कोविड काल में वरदान साबित हुआ।

सैनिकों के साथ अनिता आनंद

इसलिए ट्रुडो ने जताया भरोसा ?

जब पूरी दुनिया कोविड महामारी से जूझ रही थी तो कनाडा में इस भारतवंशी ने लोगों की जान बचाने के लिए पूरा जोर लगा दियाा। कॉर्पोरेट गवर्नेंस, इन्वेस्टर राइट और फाइनेंशियल मार्केट की विशेषज्ञ अनिता ने स्थिति को भांपते हुए पीपीआई किट और दवाइयों की खरीददारी को तेज कर दिया। उस वक्त जब पूरी दुनिया में पीपीई किट को पाने की होड़ लगी हुई थी, तब अनिता की रणनीति ने बड़ी संख्या में आपूर्तिकर्ताओं को कनाडा को पीपीई किट बेचने के लिए मजबूर किया। उन्हीं की रणनीति का नतीजा था कि ट्रुडो सरकार ने बड़े पैमाने पर घरेलू दवाइयों के उत्पादन की फंडिंग शुरू की।

जब बात टीकाकरण की आई तो वहां भी अनिता का अग्र-सक्रिय रवैया काम आया। उन्हें टीकाकरण अभियान का अगुवा भी बना दिया गया था। यह उनके नेतृत्व का नतीजा था कि अगस्त 2021 तक कनाडा ऐसा देश बन चुका था, जिसके टीकाकरण की दर दुनिया में सबसे तेज थी। अपने दो साल के राजनीतिक करियर में अनिता पीएम ट्रुडो की विश्वास पात्र बन चुकी थीं और शायद यही वजह रही है कि 2021 में दोबारा संसद पहुंची अनिता को ट्रुडो ने रक्षा मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी दी।

भारत कनेक्शन पर क्या कहती हैं अनिता ?

डॉक्टर माता-पिता की बेटी और कनाडा की दूसरी महिला रक्षा मंत्री अनिता का कहना है कि वह कनाडा में रहने वाले भारतीय समुदाय से गहरा जुड़ाव महसूस करती हैं। इस साल प्रवासी भारतीय दिवस के जश्न पर उन्होंने वीडियो संदेश साझा कर अपनी मन की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने तमिल और पंजाबी पृष्ठभूमि पर गर्व है और वह दोनों ही संस्कृतियों के बीच पली-बढ़ी हैं जिनसे उन्हें बहुत प्यार है। उन्होंने इस वीडियो संदेश में कहा, 'इसलिए जब मैं अपने परिवार की कहानी को देखती हूं और जब अपने देश की ओर देखती हूं और कई कनाडाई नागिरकों को ठीक वैसी ही कहानी है जैसी मेरी है, मैं इस वजह से अपने समुदाय से बहुत गहरा जुड़ाव महसूस करती हूं।'

तमिल हेरिटेड मंथ का जश्न मनातीं अनिता (फोटो : इंस्टाग्राम)

इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता की मुलाकात और उनके कनाडा में बसने की कहानी भी सुनाई थी। उन्होंने बताया, 'वे आयरलैंड में मिले जब मेरी मां एक मेडिकल स्कूल में पढ़ाती थीं और पिता डॉक्टर थे। दोनों ने इंग्लैंड में शादी की और फिर भारत लौटे और कुछ समय के बाद नाइजीरिया चले गए। उन्होंने सोचा था कि वे एक दिन अमेरिका में बसेंगे, लेकिन मेरे पिता नोवा स्कोटिया का माहौल जानने के लिए वहां आए फिर उन्होंने यहीं बसने का फैसला किया। पहले मेरे पिता इस शहर में आए और बाद में मां और मेरी बड़ी बहन आई। यहां बसने के बाद मेरा और मेरी छोटी बहन का जन्म हुआ।'

अनिता ने कनाडाई नागरिक जॉन से शादी की है। उन दोनों के चार बच्चे हैं और यह परिवार पिछले 18 वर्षों से ओकविले में रह रहा है।

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