वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और इसी दिन 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर में उनका महाप्रयाण हुआ। भारत में कई प्राचीन बौद्ध मठ और मंदिर हैं जो बौद्ध धर्म के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को दर्शाते हैं। आइए बताते हैं, ऐसे ही कुछ स्थलों के बारे में-
महाबोधि मंदिर, बोध गया
बिहार में स्थित बोधगया में प्रसिद्ध बोधि वृक्ष है, जहां पर भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति हुई थी। इस जगह को बौद्ध धर्म का जन्मस्थान माना जाता है। इसे यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल का दर्जा दे रखा है।
सांची स्तूप, मध्य प्रदेश
यहां पर तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व का एक शानदार बौद्ध स्मारक है। यह अपनी जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल भी है।
तवांग मठ, अरुणाचल प्रदेश
यह भारत में सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण मठों में से एक है। यहां पर भगवान बुद्ध की विशाल स्वर्ण प्रतिमा है। यह कई प्राचीन ग्रंथों को संजोए हुए है। इसके आसपास के पहाड़ अपने आश्चर्यजनक दृश्यों के लिए प्रसिद्ध हैं।
हेमिस मठ, लद्दाख
यह लद्दाख के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध मठों में से एक है। यह अपने रंग-बिरंगे त्योहारों, प्राचीन थांगकाओं और दुर्लभ बौद्ध कलाकृतियों के लिए मशहूर है।
धमेख स्तूप, सारनाथ
धमेख स्तूप उत्तर प्रदेश के सारनाथ में स्थित है। यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है।
अजंता गुफाएं, महाराष्ट्र
यहां पर भारत की कुछ सबसे शानदार बौद्ध रॉक-कट गुफाएं हैं। इन गुफाओं में बेहद प्राचीन आश्चर्यजनक भित्ति चित्र और मूर्तियां मौजूद हैं जो भगवान बुद्ध के जीवन को दर्शाती हैं। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दे रखा है।
धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
तिब्बत की निर्वासित सरकार का मुख्यालय और दलाई लामा का घर यहीं पर है। यह तिब्बती बौद्ध धर्म और संस्कृति का फलता-फूलता केंद्र है।
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