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कौन हैं नीरा टंडन, जिन्होंने संघर्षों के तूफान को पार कर बनाया खास मुकाम?

भारतीय-अमेरिकी नीरा टंडन को अमेरिकी राष्ट्रपति की सहायक और आंतरिक नीति सलाहकार नियुक्त किया है। उन्होंने तीन राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में काम किया है और देश के सबसे बड़े थिंक टैंक में से एक का लगभग एक दशक तक नेतृत्व किया है। लेकिन नीरा के लिए इस मुकाम पर पहुंचना इतना आसान नहीं था।

Photo by Tabrez Syed / Unsplash

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी नीरा टंडन को राष्ट्रपति की सहायक और आंतरिक नीति सलाहकार नियुक्त किया है। टंडन वर्तमान में राष्ट्रपति बाइडेन की वरिष्ठ सलाहकार और स्टाफ सचिव के रूप में काम कर रही हैं। अमेरिका के इतिहास में वॉइट हाउस की तीन में से एक नीति परिषद के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने वाली वह पहली एशियाई-अमेरिकी होंगी। नीरा से पहले यह जिम्मेदारी पूर्व राजदूत सुसान राइस संभाल रही थीं।

लेकिन नीरा के लिए इस मुकाम पर पहुंचना इतना आसान नहीं था। नीरा भारतीय प्रवासी माया की बेटी हैं। वह मैसाचुसेट्स के बेडफोर्ड में पली-बढ़ी हैं। उनकी मां माया को तलाक के बाद दो छोटे बच्चों के साथ अमेरिका में अपने दम पर जगह बनाने के लिए छोड़ दिया गया था। इसके बाद परिवार को जीवन जीने के लिए संघर्ष का सामना करना पड़ा। उनकी मां माया ने तमाम उतार चढ़ाव के बाद अमेरिका में एक ट्रैवल एजेंट के रूप में काम करना शुरू किया। नीरा ने यूसीएलए से विज्ञान में स्नातक और येल लॉ स्कूल से कानून की डिग्री प्राप्त की है। नीरा अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देती हैं।

वॉइट हाउस की तरफ से जारी एक बयान में राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि नीरा टंडन आर्थिक गतिशीलता और नस्लीय समानता से लेकर स्वास्थ्य देखभाल, आप्रवासन और शिक्षा तक मेरी आंतरिक नीति निर्माण और उसके कार्यान्वयन को जारी रखेंगी। बाइडेन ने कहा कि लोक नीति में नीरा के पास 25 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने तीन राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में काम किया है और देश के सबसे बड़े थिंक टैंक में से एक का लगभग एक दशक तक नेतृत्व किया है।

नीरा के पास नीति और प्रबंधन में दो दशकों से अधिक का अनुभव है। जानकारों का कहना है कि घरेलू, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में उनका अनुभव इस नई भूमिका में महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने ओबामा और क्लिंटन दोनों प्रशासनों के साथ-साथ राष्ट्रपति अभियानों और थिंक टैंकों में भी काम किया है। टंडन सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस और सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस एक्शन फंड की अध्यक्ष और सीईओ रह चुकी हैं।

नीरा टंडन को नेशनल जर्नल द्वारा वाशिंगटन में सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक नामित किया गया था। 2011 में उन्हें उत्कृष्टता के लिए इंडिया एब्रॉड पब्लिशर्स अवार्ड मिल चुका है। उन्हें फॉर्च्यून पत्रिका की राजनीति में सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में जगह दी गई थी।

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