भारतीय ऑस्ट्रेलियाई करिश्मा कालियंदा ने न्यू साउथ वेल्स (NSW) संसद के विधानसभा चुनाव में लिवरपूल सीट पर जीत पक्की कर ली है। इस जीत के साथ ही वह लिवरपूल सिटी काउंसिल में पहली एशियाई पार्षद बन गई हैं। करिश्मा भारत में बेंगलुरू की रहने वाली हैं और यह उपलब्धि हासिल करने वाली भारत में जन्मी पहली भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई हैं।
ऑस्ट्रेलिया की सेंट्र्ल-लेफ्ट लेबर पार्टी ने न्यू साउथ वेल्स में सत्ता संभाल ली है। इसके साथ ही यहां 12 साल के लिबरल-नेशनल का शासन समाप्त हो गया। शनिवार को चुनाव परिणाम आने के बाद लेबर पार्टी के नेता क्रिस मिन्स को न्यू साउथ वेल्स का प्रीमियर घोषित किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी पार्टी ने बहुमत के लिए जरूरी कम से कम 47 सीटें हासिल कर ली हैं। आने वाले दिनों में उन्हें मिली वोट संख्या की पुष्टि की जाएगी।
शनिवार को गिनती के दौरान कुछ रोचक मौके आए। भारत में झारखंड के जमशेदपुर के समीर पांडे विंस्टन हिल्स में मौजूदा लिबरल सदस्य मार्क टेलर से पीछे चल रहे थे। एक समय ऐसा लग रहा था कि समीर चुनाव जीत जाएंगे, पर लगभग 60% वोटों की गिनती के बाद वह दो प्रतिद्वंद्वी दलों से 1200 से अधिक वोटों से पीछ हो गए।
डैनियल मुखी जो चुनावों से पहले शैडो ट्रेजरर (कोषाध्यक्ष) थे, उनके फिर से न्यू साउथ वेल्स के नए कोषाध्यक्ष बनने की संभावना दिख रही है। डेनियल विधान परिषद के सदस्य हैं। तब उन्होंने भगवद्गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में वह पहला मौका था जब किसी सांसद ने गीता पर हाथ रखकर शपथ ली।
लिबरल्स पार्टी के नेता भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई मोहित कुमार रिवरस्टोन से और आर्यन पिल्लई फेयरफील्ड से चुनाव हार गए। सामंथा तालकोला लंदनडेरी में प्रू कार से नहीं जीत पाईं। इसके साथ ही एलन मैस्करहेनास पूर्व प्रीमियर डोमिनिक पेरौ से हार गए।
समाचार लिखे जाने तक मतगणना जारी थी लेकिन लेबर पार्टी कुल सीटों की लगभग आधी 47 सीटों पर जीत हासिल करके बहुमत तक पहुंच गई थी। क्रिस मिन्स ने अपने प्रतिद्वंद्वी डोमिनिक पेरौटे को हराने के बाद समर्थकों से कहा कि न्यू साउथ वेल्स के लोगों ने 12 साल बाद एक नई शुरुआत के लिए मतदान किया है। मेरी टीम चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार है। हम राज्य के लोगों को निराश नहीं होने देंगे।