घना जंगल हो, चारों तरफ हरियाली हो, पक्षियों का कलवर गूंज रहा हो, सामने नदी पर बाघ और अन्य जानवर पानी पी रहे हों और आप ऊंचे पेड़ों पर बने लग्जरी कमरे में बैठकर उस सुंदर नजारे का लुत्फ उठा रहे हों। जरा सोचिए शांति और सुकून चाहने वालों को इससे ज्यादा क्या चाहिए। आज आपको ऐसी ही एक जगह के बारे में बताते हैं।

भारत के मध्य प्रदेश राज्य में एक मशहूर टाइगर रिजर्व है, बांधवगढ़। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों में बाघों के अलावा तेंदुआ, भेड़िया, सियार, चिंकारा, चीतल जैसे अनगिनत जानवर रहते हैं। यहां 250 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां भी मौजूद हैं। दूर-दूर से वन्य प्रेमी इनका नजारा करने आते हैं। इसी जंगल में बना हुआ है ट्री हाउस।
ट्री हाउस, जैसे कि नाम से ही जाहिर है पेड़ के ऊपर आशियाना। बांधवगढ़ वन्यजीव रिजॉर्ट में जमीन से ऊपर पेड़ों पर बेहतरीन कारीगरी के साथ ट्री हाउस हाइडअवे बना है। यहां के कमरों में आधुनिक आरामतलब जिंदगी की हर सुख-सुविधा मौजूद है। जायकेदार लजीज खाना-पीना, स्थानीय व्यंजन, आरामदेह बिस्तर, बिजली-पानी-पंखा आदि हर सुविधा यहां पर है।

बिल्कुल प्राकृतिक तरीके से लकड़ियों से बनाए गए इन कमरों से आप जंगल के खूबसूरत नजारे देख सकते हैं। यहां बने मचान से आप से आप ढलते सूरज को निहार सकते हैं। ट्री हाउस के सामने बहती नदी पर पानी पीने आने वाले जानवरों को देख सकते हैं। यही नहीं, नाइट सफारी का भी लुत्फ ले सकते हैं।
21 एकड़ में फैले घने जंगल के बीच बने ट्री हाउस पर आपकी सुरक्षा के भी पर्याप्त इंतजाम हैं। यहां आप बेफिक्र होकर गांव की सैर कर सकते हैं, साइकल की सवारी कर सकते हैं, गेम आदि का भी मजा ले सकते हैं। इसके अलावा यहां पर बने करीब 2000 साल पुराने किले में घूम सकते हैं। यकीन मानिए, यहां का स्टे ऐसा सुकून प्रदान करेगा कि आप शायद ही कभी इस अनुभव को भुला पाएंगे।
कैसे पहुंचे
बांधवगढ़ जाने के लिए मध्य प्रदेश के जबलपुर और खजुराहो तक घरेलू उड़ानें उपलब्ध हैं। निकटतम इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाराणसी है। बांधवगढ़ का करीबी रेलवे स्टेशन उमरिया है, जो कि करीब एक घंटे की दूरी पर है। कटनी से ढाई घंटे और जबलपुर से चार घंटे लगते हैं। राजधानी नई दिल्ली से कई सुपरफास्ट ट्रेनें भी उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग से आना चाहते हैं तो जबलपुर से यह 195 किमी दूर है। प्रयागराज से इसकी दूरी 210 किमी है।