Skip to content

ट्वीट पर विवाद के बाद बोले सांसद रो खन्ना- हमला मुझ पर करें, 'नानाजी' पर नहीं

रो खन्ना ने ट्वीट में लिखा कि यह देखकर दुख होता है कि लोग मेरे नानाजी को बदनाम कर रहे हैं जिन्होंने लाला लाजपत राय के साथ काम किया था और 1931-32 और 1941-45 में जेल में रहे थे। उन्होंने आपातकाल का विरोध करते हुए इंदिरा गांधी को दो पत्र लिखे थे, तुरंत बाद संसद सदस्यता भी छोड़ दी थी।

अमेरिका के भारतवंशी सांसद रो खन्ना (फोटो @facebook)

भारत में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का समर्थन करने को लेकर विवादों में आए अमेरिका के भारतवंशी सांसद रो खन्ना ने अब अपने नानाजी को लेकर हो रही आलोचना का जवाब दिया है। रो खन्ना ने कहा कि हमला करना है तो मुझ पर कीजिए, मेरे नानाजी का अपमान मत कीजिए।

ये पूरा विवाद पिछले हफ्ते कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने को लेकर डेमोक्रेट सांसद रो खन्ना के एक ट्वीट से शुरू हुआ था। राहुल गांधी को गुजरात राज्य के सूरत की एक अदालत ने मानहानि के एक मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई थी। उसके बाद राहुल की सांसदी रद्द कर दी गई थी।

इस फैसले पर रो खन्ना ने ट्वीट करते हुए लिखा था, "संसद से राहुल गांधी का निष्कासन गांधीवादी दर्शन और भारत के गहरे मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात है। यह वो (भारत) नहीं है जिसके लिए मेरे नानाजी ने जेल में वर्षों की कुर्बानी दी थी। नरेंद्र मोदी आपके पास भारतीय लोकतंत्र की खातिर इस फैसले को पलटने की ताकत है।"

इस ट्वीट पर बॉलीवुड निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने लिखा था कि क्या ये आपके नाना नहीं थे जिन्होंने आपातकाल पर इंदिरा गांधी का समर्थन किया था? हमेशा से ही वो फासीवादी फैसलों का समर्थन करते रहे हैं।

एक अन्य पोस्ट में लिखा गया कि ऐसा लगता है कि रो खन्ना भूल गए हैं कि उनके नाना अमरनाथ विद्यालंकार कांग्रेस के निष्ठावान सदस्य होने के साथ-साथ भारत में आपातकाल के मुश्किल दौर में इंदिरा गांधी सरकार का हिस्सा थे और उस समय भारतीय जनता पर हो रहे अत्याचारों का विरोध तक नहीं किया था।

इसके जवाब में रो खन्ना ने ट्वीट में लिखा कि यह देखकर दुख होता है कि लोग मेरे नानाजी को बदनाम कर रहे हैं जिन्होंने लाला लाजपत राय के साथ काम किया था और 1931-32 और 1941-45 में जेल में रहे थे। उन्होंने आपातकाल का विरोध करते हुए इंदिरा गांधी को दो पत्र लिखे थे, तुरंत बाद संसद सदस्यता भी छोड़ दी थी। हमला करना है तो मुझ पर करें, भारत के स्वतंत्रता सेनानियों पर नहीं। और तथ्य मायने रखते हैं।

Comments

Latest