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वाह!, 10 साल की अदिति ने घूम लिए 50 देश, स्कूल से छुट्टियां भी नहीं ली

परिवार ने अदिति के साथ यात्राएं तब शुरू कीं जब वह मात्र तीन बरस की थी। वह हर हफ्ते ढाई दिन स्कूल जाती थी। परिवार उसे शुक्रवार को सीधे स्कूल से ले आता था और देर रात की उड़ानों पर रवाना हो जाता था। ऐसे में वे सोमवार तक वापस आ जाते थे।

All Photos : Deepak Tripathi Facebook page

साउथ लंदन में रहने वालीं भारतीय मूल की 10 वर्षीय अदिति त्रिपाठी 50 देशों का भ्रमण कर चुकी है। इससे भी अधिक प्रभावशाली बात यह है कि अदिति ने अपनी इस यात्रा के लिए स्कूल से एक भी छुट्टी नहीं ली और अपनी सभी यात्राओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है।

अदिति की मां अविलाशा और पिता दीपक के साथ साउथ लंदन में रहने वाली अदिति की इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है। अदिति के माता-पिता अपनी बेटी के पालन-पोषण के लिए एक अनोखा दृष्टिकोण अपनाते हैं। वे चाहते हैं कि वह खूब घूमे और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हो। इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने अदिति की स्कूल की छुट्टियों का प्रयोग करते हुए ये यात्रा की हैं।

अदिति विभिन्न संस्कृतियों को जानने-समझने में काफी रुचि रखती है।

अदिति के माता-पिता ने यात्राओं की सावधानीपूर्वक योजना बनाई और अपने लिए चतुराई से बैंक की छुट्टियों का भी उपयोग किया। परिवार यात्रा पर सालाना लगभग 21 लाख रुपये यानी (20,000 पाउंड) खर्च करता है। उनका मानना है कि घूमने से अनुभव मिलता है और यह पैसे से कई गुना बढ़कर है। वहीं बात करें अदिति की तो वह विभिन्न संस्कृतियों को जानने-समझने में काफी रुचि रखती है। अदिति लंदन में रहने के बावजूद नेपाल, भारत और थाईलैंड जैसी जगहों के प्रति ज्यादा आकर्षित होती है।

परिवार ने अदिति के साथ यात्राएं तब शुरू कीं जब वह मात्र तीन बरस की थी।

परिवार ने अदिति के साथ यात्राएं तब शुरू कीं जब वह मात्र तीन बरस की थी। वह हर हफ्ते ढाई दिन स्कूल जाती थी। परिवार उसे शुक्रवार को सीधे स्कूल से ले आता था और देर रात की उड़ानों पर रवाना हो जाता था। ऐसे में वे सोमवार तक वापस आ जाते थे। इसके बाद अदिति निश्चिन्त होकर हवाई अड्डे से सीधे स्कूल जाती थी।

अदिति के माता-पिता एकाउंटेंट के रूप में काम करते हैं और वे यात्रा संबंधी आकांक्षाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे अपने साहसिक कार्यों के लिए साल भर बचत करते हैं और बाहर खाना खाना छोड़ देते हैं और खर्च कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर रहते हैं।

परिवार ने बताया कि महामारी से पहले वे हर साल 12 यात्राएं करते थे। अदिति ने अपनी कम उम्र के बावजूद थाईलैंड, इंडोनेशिया और सिंगापुर के साथ-साथ यूरोप के लगभग हर देश की यात्रा की है। अदिति से जब पूछा गया कि उन्हें सबसे अच्छा कहां महसूस हुआ तो वह सोच में पढ़ गई। हालांकि नेपाल, जॉर्जिया और आर्मेनिया को सबसे पसंदीदा जगह बताई। अदिति अन्य बच्चों को भी यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। अदिति की यात्रा जर्मनी से शुरू हुई थी।

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