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न्यूयॉर्क दुनिया का सबसे अमीर शहर, जानें भारत में रहते हैं कितने अरबपति

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर को सबसे अधिक अरबपतियों के साथ दुनिया का सबसे रईस शहर बताया गया है। सूची के अनुसार न्यूयॉर्क में 58 अरबपति रहते हैं। टॉप-3 में न्यूयॉर्क के बाद जापान का तोक्यो और उसके बाद कैलीफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को बे का नंबर है।

Photo by Michael Discenza / Unsplash

लंदन की इनवेस्टमेंट माइग्रेशन कंसल्टेंसी कंपनी हेनले एंड पार्टनर्स ने दुनिया के सबसे अमीर शहरों की लिस्ट जारी की है। इसमें अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर को सबसे अधिक अरबपतियों के साथ दुनिया का सबसे रईस शहर बताया गया है। सूची के अनुसार न्यूयॉर्क में 58 अरबपति रहते हैं। टॉप-3 में न्यूयॉर्क के बाद जापान का तोक्यो और उसके बाद कैलीफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को बे का नंबर है।

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मुंबई में 29 बिलिनेयर्स रहते हैं। इसके बाद दिल्ली का नंबर है। Photo by Prado / Unsplash

दुनिया के 10 सबसे अमीर शहरों में 4 अमेरिका के हैं। ये हैं न्यूयॉर्क शहर, द बे एरिया, लॉस एंजिल्स और शिकागो। चीन के दो शहर बीजिंग और शंघाई भी टॉप 10 में हैं। ब्रिटेन की राजधानी लंदन इस लिस्ट में चौथे स्थान पर है। रिपोर्ट में कम से कम एक मिलियन (10 लाख) डॉलर से अधिक निवेश पूंजी की हैसियत रखने वाले रईसों (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स) को आधार बनाया गया है।

इस सूची में भारत के भी कई शहर हैं। सूची के अनुसार मुंबई में 29 बिलिनेयर्स हैं। इसके बाद दिल्ली है, जहां पर 16 अरबपति (बिलिनेयर्स) बताए गए हैं। इसी तरह बेंगलुरु में 8, हैदराबाद में 5 और कोलकाता में 7 अरबपति रहते हैं। अगर मिलिनेयर्स करोड़पतियों की बात करें तो मुंबई में 59,400, दिल्ली में 30,200, बेंगलुरु में 12.600, कोलकाता में 12.100, हैदराबाद में 11.100 करोड़पतियों की संख्या बताई गई है।

इस सूची के अनुसार न्यूयॉर्क में सबसे ज्यादा 3,40,000 करोड़पति हैं। यहां 2012 से 2022 के बीच हाई नेटवर्थ वाले अमीरों की संख्या में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। हेनले एंड पार्टनर्स के अनुसार टोक्यो में 2,90,300 और सैन फ्रांसिस्को बे में 2,85,000 करोड़पति रहते हैं। यूरोप से इस लिस्ट में इकलौता लंदन शामिल है।

टेक्सास के ऑस्टिन में अमीरों की संख्या 102 प्रतिशत तक बढ़ी है। मियामी और वेस्ट पाम बीच में हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स की संख्या क्रमशः 75 प्रतिशत और 90 प्रतिशत बढ़ गई है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की वजह से मॉस्को में बीते एक दशक में करोड़पतियों की संख्या में 44 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

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