जाते हुए इस वर्ष के उत्तरकाल में दुनिया यही सोचकर राहत महसूस कर रही थी कि महामारी का काला अध्याय समाप्त होने वाला है। मगर कोरोना की एक और लहर ने जता दिया कि इस दुनिया के लोग शायद इतने भाग्यशाली नहीं हैं। दो साल पहले आई अनजानी आपदा से निपटने के लिए युद्ध-स्तर पर जो तैयारियां की गई थीं, दुनिया के लोग उन्हे ठंडे बस्ते में डालने में लगे ही थे कि जानलेवा संकट फिर आसन्न है।
कोविड की एक और लहर के बीच अमेरिका ने घोषणा की है कि चीन से आने वाले सभी यात्रियों को कोरोना संक्रमण न होने का प्रमाणपत्र दर्शाना होगा। अभी यह मालूम नहीं है कि नई मुसीबत कितनी गंभीर है और किस तेजी से फैलकर कर कब तक दुनिया को हैरान-परेशान करने वाली है। लेकिन लग रहा है कि प्रतिबंधों की चादर फिर पसर सकती है।