भारत सरकार द्वारा 2000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने के फैसले का असर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में मौजूद करेंसी एक्सचेंज में दिख रहा है। यूएई जाने वाले भारतीयों को अब वहां 2000 रुपये के बदले रियाल और दिरहम लेने में परेशानी हो रही है।
After Rs 2,000 note withdrawal by RBI, currency exchanges in UAE shun Indian rupee
— MrGandhi (@Anon84692022) May 24, 2023
Travellers from India, who once marvelled at the ease with which they could change wads of Indian currency into riyals and dirhams, are being politely turned away
ये जानकारी सामने आई है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फैसले के बाद यूएई के करेंसी एक्सचेंज अब 2000 रुपये के नोट लेने से इनकार कर रहे हैं। आधिकारिक रूप से यूएई सरकार ने इससे संबंधित कोई आदेश जारी नहीं किया है। भारतीय रुपये में बदलाव बंद करने के लिए नहीं कहा गया है। लेकिन जानकारी सामने आ रही है कि डीलर 2000 रुपये के नोट स्वीकार करना नहीं चाहते।
दुबई के एक डीलर का कहना है कि हम 2,000 रुपये के नोट स्वीकार नहीं कर रहे हैं क्योंकि हमारे लिए उन्हें निपटाना बहुत मुश्किल है। हादी एक्सप्रेस एक्सचेंज के महाप्रबंधक एल्बिन थॉमस ने बताया कि हालांकि 500 रुपये के नोटों के साथ कोई समस्या नहीं है, लेकिन इस फैसले (2000 रुपये के नोट को बंद करने) के कारण भारतीय मुद्रा को लेकर भरोसा थोड़ा कम हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए यूएई के कमर्शियल बैंकों में 2000 रुपये के नोट जमा करना मुश्किल है, इसलिए हम इन्हें स्वीकार नहीं कर रहे।
दुबई ड्यूटी फ्री (DDF) के एक कर्मचारी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खुदरा दुकानों ने 2000 रुपये के नोट स्वीकार करना बंद कर दिया है, लेकिन कम मूल्य वर्ग के नोटों के साथ लेनदेन पर कोई रोक नहीं है। बता दें कि 2019 से दुबई में दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों- अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (जिसे दुबई वर्ल्ड सेंट्रल के रूप में भी जाना जाता है और दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने भारतीय रुपये को स्वीकार करना शुरू किया था, हालांकि यह परिवर्तनीय मुद्रा नहीं है।
भारतीय रुपया उन 16 विदेशी मुद्राओं में शामिल है, जिन्हें अब डीडीएफ आउटलेट्स पर स्वीकार किया जाता है। डीडीएफ अब जो न्यूनतम मूल्य वर्ग स्वीकार कर रहा है वह 100 रुपये और अधिकतम 500 रुपये है। हवाई अड्डे पर मनी चेंजर दिरहम में बदलने के लिए 50 रुपये का न्यूनतम मूल्य आसानी से स्वीकार करते हैं।
एल्बिन थॉमस का कहना है कि नोटबंदी (वर्ष 2016 में) से हम हैरान थे। उस वक्त मुद्रा एक्सचेंजों को लाखों एईडी का नुकसान हुआ था। इससे हमारे पास चलन से बाहर हो चुके भारतीय मुद्रा का बड़ा भंडार बचा था, जिसे हमें भारत के बैंकों में भेजने में बहुत मुश्किल हो रही थीं।
बता दें कि आरबीआई ने 19 मई को 2000 रुपये को नोट चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। बैंक ने कहा है कि ये नोट फिलहाल चलन में रहेंगे, लेकिन 30 सितंबर से पहले इन्हें बैंक या फिर एक्सचेंज में जमा करना होगा। इससे पहले नवंबर, 2016 में भारत सरकार ने 500 और 1000 रुपये के नोटों का चलन बंद करने का फ़ैसला लिया था।
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