कोको गॉफ के यूएस ओपन सेमीफाइनल मैच में जलवायु परिवर्तन का विरोध करने के लिए अपने पैर फर्श पर चिपकाने वाले भारतीय-अमेरिकी जलवायु कार्यकर्ता शायोक मुखोपाध्याय का दावा है कि टेनिस खिलाड़ी उनके विरोध का 'समर्थन' करता है। घटना पिछले सप्ताह की है।
व्हाइट प्लेन्स, न्यूयॉर्क के मुखोपाध्याय (50) उन चार प्रदर्शनकारियों में शामिल थे जिन्होंने 7 सितंबर के मैच को बाधित किया था और न्यूयॉर्क पुलिस विभाग ने उन्हें जबरन स्टेडियम से बाहर निकाल दिया था।
एक दिन बाद मुखोपाध्याय और एक अन्य प्रदर्शनकारी ग्रेगरी श्वेडॉक (35) पर आपराधिक अतिचार और अव्यवस्थित आचरण तथा आपराधिक अतिचार का आरोप लगाया गया। उनके विरोध प्रदर्शन के कारण खेल में लगभग 50 मिनट की देरी हुई और खिलाड़ी खेल शुरू होने तक कोर्ट से बाहर चले गए। पर्यावरण कार्यकर्ता समूह एक्सटिंक्शन रिबेलियन ने इस विरोध की जिम्मेदारी ली और जीवाश्म ईंधन को समाप्त करने का आह्वान करने के लिए 'मृत ग्रह पर कोई टेनिस नहीं' का नारा लगाया।
मुखोपाध्याय का कहना है कि जिस तरह का 'व्यवधान' जलवायु के कारण हो रहा है उसकी तुलना में उसका व्यवधान कुछ भी नहीं है। शायोक का यह भी कहना है कि विरोध का यह तरीका उसने सिर्फ इसलिए अपनाया ताकि लोगों का ध्यान तुरंत एक ज्वलंत समस्या की ओर खींचा जा सके और यह जताया जा सके कि अब तक जो चलता रहा है, वह अब नहीं चलने वाला। यह अगर चलता रहा तो वह सब कुछ जिसे हम अपनी जीवन शैली के रूप में स्वीकारते रहे हैं, उसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
गौरतलब है कि मुखोपाध्याय को न्यूयॉर्क पुलिस ने स्टेडियम से बलपूर्वक हटाया और मनोरोग मूल्यांकन के लिए क्वींस के ईस्ट एल्महर्स्ट अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद शायोक ने कहा कि गिरफ्तार तो वह इससे पहले भी हो चुका है लेकिन इस बार जैसा हुआ वैसा कभी नहीं हुआ। मुखोपाध्याय का यह भी कहना है कि उससे मूर्खतापूर्ण प्रश्न पूछे जा रहे थे। जैसे कि आपको क्या लगता है दुनिया खत्म होने वाली है!