इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के हवाले से बुधवार को मीडिया में खबरें आईं कि भारतीय टीम टेस्ट में नंबर-वन बन गई है। फैन्स खुशी से झूमने लगे। यह वाकई बड़ी बात थी क्योंकि इससे भारत क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट की नंबर वन टीम बन गई थी। लेकिन फैन्स की ये खुशी ज्यादा देर कायम नहीं रह पाई। दरअसल यह आईसीसी की गलती का नतीजा था। पिछले महीने भी आईसीसी से ऐसी ही गलती हुई थी।
बुधवार को दोपहर करीब 1 बजे ICC ने अपनी वेबसाइट पर भारत को टेस्ट में नंबर वन दिखाया था। लोगों को लगा कि भारत को यह कामयाबी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में मिली जीत के बाद मिली है। इसमें टीम इंडिया को 115 पॉइंट्स के साथ पहले स्थान पर और ऑस्ट्रेलिया को 111 पॉइंट्स के साथ दूसरे स्थान पर दिखाया गया था। इससे टीम इंडिया तीनों फॉर्मेट में नंबर वन टीम बन गई क्योंकि टी-20 और वनडे में भारत पहले से ही नंबर-1 है।
भारतीय टीम की इस कामयाबी को लेकर सोशल मीडिया पर बधाई और खुशी के संदेश तैरने लगे। यहां तक कि BCCI के सचिव जय शाह ने भी शाम को ट्वीट करके टीम इंडिया को तीनों फॉर्मेट में नंबर वन बनने की बधाई दे दी। लेकिन छह घंटे बाद बुधवार शाम करीब 7 बजे फिर से आईसीसी की रैंकिंग अपडेट हुई और इस बार ऑस्ट्रेलिया को फिर से पहले नंबर पर दिखाया गया। उसके पॉइंट्स 126 बताए गए जबकि टीम इंडिया के 115 पॉइंट्स ही दिखाए गए।
आईसीसी की ये पहली गलती नहीं है। पिछले महीने 18 जनवरी को भी ICC ने रैंकिंग में ऐसी ही बड़ी गलती की थी। तब ICC की वेबसाइट पर दोपहर करीब 1:30 बजे भारत को नंबर-1 टेस्ट टीम बताया गया था लेकिन ढाई घंटे बाद ही भारत को फिर से नंबर-2 टेस्ट टीम कर दिया गया। ऑस्ट्रेलिया का नंबर-1 टेस्ट टीम का खिताब कायम रहा।
हालांकि इस सबके बावजूद टीम इंडिया के पास पहली टेस्ट रैंक हासिल करने का मौका है। इसके लिए उसे ऑस्ट्रेलिया पर टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज करनी होगी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 17 फरवरी से दिल्ली में टेस्ट खेला जाएगा। ये मैच जीतने पर भारत टेस्ट में नंबर-1 बन जाएगा। तब भारत के 121 और ऑस्ट्रेलिया के 120 पॉइंट्स हो जाएंगे।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत में अभी 4 टेस्ट की सीरीज चल रही है। भारत और ऑस्ट्रेलिया अब 17 से 21 फरवरी तक दूसरा, 1 से 5 मार्च तक तीसरा और 9 से 13 मार्च तक चौथा टेस्ट होगा। भारत अगर सीरीज के 3 मैच जीत लेता है तो इस सीरीज के बाद भी भारत नंबर-1 बना रहेगा। लेकिन ऐसा हो पाएगा या नहीं, यह वक्त की बात है।