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...जब OCI छात्रों से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, आप भारतीय नागरिकता क्यों नहीं ले लेते

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि ओसीआई की तुलना अनिवासी भारतीयों (NRI) से नहीं की जा सकती क्योंकि NRI विदेशों में रहते हैं और विदेशी मुद्रा में कमाते हैं जबकि कई OCI परिवार भारत में रह रहे हैं। सरकार ने अचानक उन्हें NRI के बराबर बताकर उनके लिए मेडिकल सीटें सीमित कर दी हैं।

भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कोर्सों में दाखिलों की NEET परीक्षा से जुड़े एक मामले में सवाल उठाया कि भारत में रह रहे प्रवासी भारतीय नागरिकों (OCI) के बच्चे अपनी विदेशी नागरिकता छोड़कर भारतीय नागरिकता क्यों नहीं ले लेते? कोर्ट ने ये टिप्पणी सरकार की 2021 की उस अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर की, जिसमें NEET दाखिलों में OCI छात्रों को केवल NRI सीटों पर आवेदन की इजाजत दी गई है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट केवी विश्वनाथन ने कहा कि ओसीआई की तुलना अनिवासी भारतीयों (NRI) से नहीं की जा सकती क्योंकि NRI विदेशों में रहते हैं और विदेशी मुद्रा में कमाते हैं जबकि कई OCI परिवार भारत में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई OCI कार्ड धारक अब भारत वापस आ गए हैं और उनके बच्चों ने यहां 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर ली है। अब अचानक सरकार ने उन्हें एनआरआई के बराबर बताकर सामान्य और अखिल भारतीय कोटा वाली सीटों पर आवेदन से रोक दिया है।

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