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राजदूत एरिक ने चरखा काता और कहा भारतीय छात्र हमारे लिए बहुमूल्य हैं

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने सोमवार को गुजरात के अहमदाबाद में कहा कि भारतीय छात्र अमेरिका के विश्वविद्यालयों, कारोबार के लिए बहुत ही बहुमूल्य हैं। अमेरिकी दूतावास अगले कुछ हफ्तों में छात्र वीजा के अगले बैच को खोलने की योजना बना रहा है।

अहमदाबाद में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने चरखा चलाया। (फोटो : @USAmbIndia) 

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी का कहना है कि भारत में अमेरिकी दूतावास अगले कुछ हफ्तों में छात्र वीजा के अगले बैच को खोलने की योजना बना रहा है। उम्मीद जताई कि पहले की तुलना में इस साल अधिक वीजा जारी किए जा सकते हैं। राजदूत ने अमेरिका में पढ़ने के इच्छुक छात्रों के वीजा बैकलॉग पर भी बात की और आश्वस्त किया कि जल्द ही प्रतीक्षा अवधि को और घटाया जाएगा। उन्होंने भारतीय छात्रों को न सिर्फ भारत और अमेरिका, ब्लकि पूरी सभ्यता के लिए बहुमूल्य बताया।

एरिक ने सोमवार को गुजरात में अहमदाबाद की अपनी पहली यात्रा के दौरान पत्रकारों से बात की।उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि न केवल छात्रों के लिए वीजा प्रतीक्षा अवधि घटाई जाए,  बल्कि पहली बार आने वाले विजिटर और अन्य लोगों पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने बताया कि पिछले तीन महीनों में प्रतीक्षा समय दिसंबर की तुलना में 60 प्रतिशत घटा है। आने वाले समय में यह और कम होगा। उन्होंने कहा कि दूतावास ने इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कर्मचारियों को नियुक्त किया है गया।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस साल हम पहले के आंकड़ों को पार करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति (बाइडन) का इस पर भी बहुत ध्यान है। उन्होंने मुझे न केवल छात्रों के लिए, बल्कि पहली बार आने वाले आगंतुकों और अन्य लोगों के लिए भी वीजा जारी करने के समय को कम करने के लिए कहा है। गार्सेटी ने कहा कि भारतीय छात्र अमेरिका के लिए बहुत अच्छे हैं। वे हमारे विश्वविद्यालयों, कारोबार के लिए बहुत ही बहुमूल्य हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका स्थित दिग्गज कंपनियों के भारतीय मूल के सीईओ को देखकर आप इसका अंदाजा लगा सकते हैं। यह ने सिर्फ अमेरिकी अर्थव्यवस्था, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ही बहुत अच्छा है, बल्कि सभ्यता के लिए भी बहुमूल्य हैं।

गार्सेटी ने कहा कि जब वह 14 साल की उम्र में पहली बार भारत आए थे तब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार सिर्फ दो अरब डॉलर का था। आज यह 100 अरब डॉलर से अधिक है। अमेरिका, भारत के साथ नंबर एक व्यापारिक साझेदार है। अब हम अपने लोगों को सुरक्षित रखने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की रक्षा करने के लिए एक पारस्परिक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि हॉलीवुड, बॉलीवुड और टॉलीवुड के माध्यम से दोनों देशों के लोगों का एक-दूसरे पर सांस्कृतिक आदान-प्रदान और दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों को दर्शाता है।

गार्सेटी ने अहमदाबाद स्थित महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम का भी दौरा किया। साबरमती आश्रम के बारे में उन्होंने कहा कि यह स्थान न केवल भारतीय इतिहास के लिए बल्कि मानवता के इतिहास के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। साबरमती आश्रम के लगभग एक घंटा बिताने के बाद वह हृदय कुंज भी गए। वहां उन्होंने चरखे में अपना हाथ आजमाया और संग्रहालय का दौरा किया। गार्सेटी ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा कि इस जगह और एक आदमी (महात्मा गांधी) ने दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया।

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