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विवेक रामास्वामी ने किसे और क्यों कहा 'Special Interest Aliens'

विवेक रामास्वामी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा इजराइल में हो सकता है तो यह अमेरिका में भी जरूर हो सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले 2 सालों में इस्लामी चरमपंथी संबंधों वाले देशों के 70,000 से अधिक असामाजिक तत्वों को अमेरिका में प्रवेश करते हुए पकड़ा गया था।

आतंकवादी संगठन हमास द्वारा इजराइल पर किया गए हमले को हर एक देश अपने नजरिए से देख रहा है। भारत से लेकर अमेरिका तक इस बात की चर्चा हो रही है कि यदि ऐसा उनके देश में हुआ तो क्या होगा। इस सवाल को उठाते हुए भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने भी एक बड़ा हमला मौजूदा बाइडेन सरकार पर बोला है। उन्होंने अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश कर रहे प्रवासियों को Special interest Aliens यानी खास मकसद के लिए अमेरिका में प्रवेश करने वाले असामाजिक तत्व तक कहा है।

विवेक रामास्वामी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसा इजराइल में हो सकता है तो यह अमेरिका में भी जरूर हो सकता है। उन्होंने बताया कि पिछले 2 सालों में इस्लामी चरमपंथी संबंधों वाले देशों के 70,000 से अधिक असामाजिक तत्वों को अमेरिका में प्रवेश करते हुए पकड़ा गया था।

रामास्वामी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से पोस्ट करते हुए लिखा कि पिछले दो वर्षों में दुनिया की नजरों में ज्ञात इस्लामी चरमपंथी संबंधों वाले देशों के 70,000 'विशेष मकसद वाले एलियंस' को अमेरिकी सीमाओं पर प्रवेश करने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था। एक वास्तिवकता यह भी है कि बावजूद इसके हमारी खुली सीमाओं के जरिए अनगिनत लोग प्रवेश कर चुके हैं। यह अस्वीकार्य और खतरनाक भी है। मैंने पिछले सप्ताहांत उत्तरी सीमा का दौरा किया था। और अब मैं टेक्सास के ईगल पास पर दक्षिणी सीमा संकट को अपनी आंखों से देखने के लिए जा रहा हूं।

रामास्वामी ने आश्वासन देते हुए आगे कहा कि यदि वह सत्ता में आते हैं तो इस मसले को जरूर हल कर देंगे। आपको बता दें कि हमास का आतंकी हमला अमेरिका के राजनीतिक गलियारों का बड़ा मुद्दा बन चुका है, जहां मौजूदा सरकार इजराइल के समर्थन में खड़ी है और सैन्य मदद पहुंचा रही है वहीं रिपब्लिकन पार्टी इस विषय पर सरकार को घेरने में लगी है।

बीते दिनों भारतीय अमेरिकी और राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हैली ने राज्य सचिव एंटनी ब्लिकंन के उस बयान की आलोचना की थी जिसमें उन्होंने ईरान को दी गई 6 बिलियन डॉलर की मदद का बचाव करते हुए कहा था कि इसका आतंकी हमले से कोई संबंध नहीं है। निक्की ने कहा था कि यह बयान गैर-जिम्मेदाराना है।

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