भारत के लोगों को यह खबर सुनकर खुशी हुई होगी कि भारत कोहिनूर हीरे समेत ब्रिटेन के संग्रहालयों में रखीं मूर्तियों और औपनिवेशिक युग की अन्य कलाकृतियों को वापस लाएगा। शनिवार को एक ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई थी। लेकिन सूत्रों के हवाले से ब्रिटिश मीडिया में आई इन खबरों का खंडन किया गया है। अब कोहिनूर हीरे की वापसी पर संदेह के बादल फिर मंडराने लगे हैं।

मीडिया में सूत्रों के हवाले से अब ये खबर चल रही है कि यह सच नहीं है कि ब्रिटेन से हजारों कलाकृतियों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए मंत्रिस्तरीय और राजनयिक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। भारत के सरकारी सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट में उद्धृत अधिकारी ने कोहिनूर का कभी उल्लेख नहीं किया। सूत्रों का कहना है कि मौजूदा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्थाओं के अनुरूप द्विपक्षीय सहयोग और साझेदारी के माध्यम से पुरावशेषों को वापस लाने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। यह प्रक्रिया पहले भी और कई देशों के साथ हो रही है, जिनके पास भारतीय कलाकृतियां हैं। मालूम हो कि कोहिनूर पिछले हफ्ते ब्रिटेन में राज्याभिषेक समारोह के समय सुर्खियों में था। लेकिन रानी कैमिला ने अपने मुकुट के लिए वैकल्पिक हीरे को चुनकर एक राजनयिक विवाद को टाल दिया।
India's prime minister #NarendraModi's government will soon begin a diplomatic campaign to reclaim #Kohinoor diamond and thousands of other treasures taken by Britain during their centuries-long colonial exploits in the Indian subcontinenthttps://t.co/G9L0wzpBYm
— WION (@WIONews) May 13, 2023
दरअसल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) जहां स्वतंत्रता के बाद से देश के बाहर तस्करी की गई वस्तुओं को फिर से हासिल करने के लिए प्रयास में जुटा है। इसी कड़ी में भारत के अधिकारी लंदन में राजनयिकों के साथ समन्वय कर रहे हैं जिससे औपनिवेशिक शासन के दौरान युद्ध की लूट के रूप में जब्त की गईं या उत्साही लोगों द्वारा जुटाई गईं कलाकृतियों को रखने वाले संस्थानों से इन्हें वापस करने का औपचारिक अनुरोध किया जा सके।
Lord Dalhousie tricked boy King Duleep Singh into signing away the Sikh empire and the Kohinoor. Celebrated historian @DalrympleWill and author @NavtejSarna decode the blood-soaked history of the world’s most famous diamond in 'India's Looted Treasures-The pillage of Punjab' pic.twitter.com/TitXEZ9a6F
— News9 (@News9Tweets) May 6, 2023
बता दें कि पिछले साल स्कॉटलैंड के संग्रहालयों का संचालन करने वाले धर्मार्थ संगठन ग्लासगो लाइफ ने सात कलाकृतियों को भारत वापस भेजने के लिए भारत सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इनमें से अधिकांश वस्तुओं को 19वीं शताब्दी के दौरान उत्तरी भारत के विभिन्न राज्यों में मंदिरों और धार्मिक स्थलों से निकाला गया था।
The original owner of the kohinoor diamond, Badrakali Amman of Wrangal , built by the Kakatiyas. The kohinoor was part if the loot of Khilji and exchanged several hands finally landing up with British monarchy. https://t.co/6zPwk4nFKb pic.twitter.com/lYNlbEsE7M
— krithika sivaswamy (@krithikasivasw) May 7, 2023
कोहिनूर हीरा हर भारतीय के लिए सम्मान और प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है। महाराजा रणजीत सिंह के खजाने से ईस्ट इंडिया कंपनी के हाथों में आने से पहले 105 कैरेट का हीरा भारत में शासकों के पास था और फिर पंजाब के विलय के बाद ब्रिटेन की महारानी विक्टोरिया को इसे दे दिया गया था। भारत के लोगों की इच्छा है कि उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए ब्रिटेन कोहिनूर हीरे को वापस लौटा दे।
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