एशियन अमेरिकन्स, नेटिव हवाईयन्स और पैसिफिक आइलैंडर्स मंथ के लिए व्हाइट हाउस द्वारा 3 मई को आयोजित उत्सव के दौरान भारतीय मूल की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के सम्मान में काफी देर तक तालियां बजती रहीं। जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में किए गए इस कार्यक्रम में सभागार खचाखच भरा हुआ था। कार्यक्रम की थीम Visible Together थी।
AANHPI लंबे वक्त से अमेरिकी समाज का हिस्सा है और अमेरिका में यह समाज तेजी से बढ़ती अप्रवासी आबादी है। उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि मेरी मां मुझसे कहा करती थीं कि कमला तुम ऐसा करने वाली पहली हो सकती हो लेकिन सुनिश्चित करो कि तुम आखिरी न हो। दरअसल कमला हैरिस पहली पहली भारतीय अमेरिकी, पहली अश्वेत और पहली महिला अमेरिकी उप राष्ट्रपति हैं।
हैरिस ने कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान आगे कहा कि जब आप कमरे में जाते हैं तो आप पाते हैं कि आप अकेले ही हैं। आपके पास सिर्फ आपका अनुभव होता है। मेरे कहने का मतलब ये है कि अपनी गर्दन ऊपर और कंधे पीछे करके चलें। यह जानते हुए कि आप इतने सारे लोगों की आवाज का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिन्हें गर्व है कि आप उस कमरे में हैं। हम सब तुम्हारे साथ उस कमरे में हैं। आप अकेले उस कमरे में नहीं चल रहे हैं।
हैरिस की इस बात को सुनने के बाद सभागार में मौजूद लोग खड़े हुए और काफी देर तक हैरिस के सम्मान में तालियां बजाते रहे। आगे बातचीत में हैरिस ने एशियाई अमेरिकी समुदाय के खिलाफ घृणा अपराधों में खतरनाक वृद्धि के बारे में भी बात की। दरअसल Stop AAPI Hate वेब पॉर्टल के अनुसार बीते तीन वर्षों में 11,000 से अधिक मामले एशियन-अमेरिकन के प्रति देखने को मिले हैं।
बता दें कि हैरिस ने अभिनेत्री पूर्णा जगन्नाथन के साथ मंच साझा किया था। पूर्णा मिंडी कलिंग की हिट टेलीविजन सीरिज ‘नेवर हैव आई एवर’ में अपनी किशोर बेटी की अपरंपरागत जीवन शैली के साथ एक डॉक्टर की भूमिका निभाती हैं। जगन्नाथन ने अपनी पृष्ठभूमि का थोड़ा सा हिस्सा मंच पर साझा किया। उन्होंने कहा कि मेरी विरासत ने मुझे हमेशा एक बाहरी व्यक्ति की तरह महसूस कराया। लेकिन प्रवासी भारतीयों की कई अविश्वसनीय कहानियां जैसे-जैसे बाहर आने लगीं तो मुझमें भी वो हिम्मत आई। आज जो भी मेरे पास है वो मुझे समाज का दिया उपहार ही समझिए।
पूर्णा के अलावा मंच पर लोकप्रिय पोडकास्ट ‘डियर एशियन अमेरिकन्स’ के निर्माता जैरी वोन भी मंच साझा कर रहे थे। मंच पर हैरिस ने गर्भपात के अधिकारों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि AANHPI के 74% का मानना है कि गर्भपात कानूनी होना चाहिए। मेरी मां भी हमेशा महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए लड़ाई लड़ी। हैरिस की मां स्वर्गीय डॉ. श्यामला गोपालन एक स्तन कैंसर शोधकर्ता थीं। उन्होंने अपने अधिकांश करियर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान के साथ काम किया।
हैरिस ने असॉल्ट राइफलों पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में सामूहिक हत्याओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बच्चे कक्षाओं में जाने से डरते हैं। हमें बंदूक हिंसा को समाप्त करने के लिए साहसिक कदम उठाने की आवश्यकता है।
दिन भर चले जश्न के दौरान भारतीय अमेरिकी मंच पर काफी नजर आए। नेशनल साइंस फाउंडेशन के निदेशक सेथुराम पंचनाथन ने वीडियो के माध्यम से AAPI समुदाय के समर्थन के लिए बाइडेन प्रशासन की सराहना की और कहा कि आज हमारे पर पहले से ज्यादा अवसर हैं। आजइतने सारे लोग नवाचार के माध्यम से अपने समुदायों में सुधार करना चाहते हैं लेकिन संसाधनों की कमी है। हमें संसाधनों तक समान पहुंच बनाकर अमेरिका में सभी लोगों की क्षमता का दोहन करना चाहिए।
वहीं उपभोक्ता वित्तीय सुरक्षा ब्यूरो के निदेशक रोहित चोपड़ा और कार्मिक प्रबंधन कार्यालय के निदेशक किरण आहूजा, मानविकी के लिए राष्ट्रीय बंदोबस्ती के अध्यक्ष शैली सी लोवे और राष्ट्रपति के उप सहायक एरिका मोरित्सुगु के साथ मंच पर शामिल हुए। आहूजा ने कहा कि समानता के मुद्दों का समर्थन करने के लिए बाइडेन प्रशासन द्वारा एक अविश्वसनीय प्रतिबद्धता है। लोग हमारी सबसे बड़ी संपत्ति हैं। हम आप सभी को सार्वजनिक सेवा में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रपति कार्मिक कार्यालय के अध्यक्ष और निदेशक के सहायक गौतम राघवन ने पैनल पर कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने इतिहास में सबसे विविध प्रशासन शामिल किया है। हमारे द्वारा नियुक्त किए गए आधे लोग रंग के लोग हैं और 14% AAPI हैं। बता दें कि राघवन ने ओबामा प्रशासन में और प्रमिला जयपाल के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी काम किया। राघवन ने कहा है कि जो लोग सोचते थे कि वे कभी भी व्हाइट हाउस में अपनी सेवाएं नहीं दे पाएंगे वो आज प्रशासन में शामिल हो गए हैं।
कार्यक्रम में एक पल बेहद भावुक भी रहा जब कनाडाई कवयित्री रूपी कौर ने अपनी कविता ‘ब्रोकन इंग्लिश’ पढ़ी जिसे उन्होंने सभी अप्रवासियों को समर्पित किया। पेन अमेरिका द्वारा जारी एक सूची के अनुसार कौर की कविता की किताब ‘मिल्क एंड हनी’ इस साल की सबसे प्रतिबंधित किताबों में से एक है। कौर ने कहा कि उनका कोई परिवार नहीं था, उनका कोई दोस्त नहीं था... दो विश्वविद्यालय की डिग्री का कोई मतलब नहीं था।