Skip to content

वॉट्सऐप पर फ्रॉड से कैसे बचें, कंपनी ने नए दिशा-निर्देश जारी किए

वॉट्सऐप पर आए दिन किसी न किसी तरह से नए फ्रॉड की खबरें आती रहती हैं। इसी को देखते हुए कंपनी ने 'वॉट्सऐप के साथ सुरक्षित रहें' नाम से कैंपेन लॉन्च किया है। कंपनी का कहना है कि इन निर्देशों का पालन करके फ्रॉड से बचने में मदद मिल सकती है।

Photo by Dimitri Karastelev / Unsplash

भारत में वॉट्सऐप जितना लोकप्रिय है, उसके जरिए अंजाम दिए जाने वाले घपले घोटालों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है। आए दिन किसी न किसी तरह से नए फ्रॉड की खबरें आती रहती हैं। इसी को देखते हुए मेटा  के स्वामित्व वाली सोशल मैसेजिंग कंपनी वॉट्सऐप ने भारतीय यूजर्स के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 'वॉट्सऐप के साथ सुरक्षित रहें' नाम से कैंपेन लॉन्च करते हुए कंपनी का कहना है कि इन निर्देशों का पालन करके फ्रॉड से बचने में मदद मिल सकती है।

This is one of the three photographs from a series that I clicked to portray “The three wise monkeys” in the modern era.
Photo by Rachit Tank / Unsplash

टू-स्टेप वेरिफिकेशन: वॉट्सऐप टू-स्टेप वेरिफिकेशन फीचर सेफ्टी की एक अतिरिक्त परत प्रदान करता है। इसे सक्रिय करने के लिए यूजर को छह अंकों का पिन सेट करना होता है। वॉट्सऐप अकाउंट को रीसेट और वेरिफाई करते समय इसकी जरूरत पड़ती है। यह फ़िशिंग अटैक और स्कैमर्स के हमलों से बचाव करता है।

ब्लॉक एंड रिपोर्ट: घोटालेबाज संदेशों और संदिग्ध अकाउंट्स की जानकारी देकर आप इनसे बचने में मदद कर सकते हैं। यदि कोई अज्ञात व्यक्ति आपसे मैसेज पर असामान्य जानकारी मांगता है, या कोई अजीब अनुरोध करता है तो उसकी बातों में न आए। पैसे भेजने, निजी जानकारी देने से पहले उससे सीधे संपर्क करके उसकी पहचान पुष्ट कर लें। अगर कुछ गड़बड़ लगे तो तुरंत उसे ब्लॉक कर दें और रिपोर्ट करें। ये बहुत आसान है। यूजर्स को अनजाने नंबरों से कॉल का जवाब देने से भी बचना चाहिए। ऐसे नंबरों को ब्लॉक और रिपोर्ट करना चाहिए।

ग्रुप गोपनीयता सेटिंग्स: वॉट्सऐप में गोपनीयता सेटिंग्स और ग्रुप इनविटेशन सिस्टम के जरिए यूजर्स अपनी प्राइवेसी बढ़ा सकते हैं और अनचाहे ग्रुप में जुड़ने से खुद को बचा सकते हैं। यूजर्स ये तय कर सकते हैं कि कौन उन्हें ग्रुप में जोड़ सकता है। यदि कोई आपको ग्रुप चैट में जोड़ भी ले, तब आप उससे बाहर निकल सकते हैं और रिपोर्ट कर सकते हैं।

निजी जानकारी छिपाना: यूजर्स प्राइवेसी सेटिंग्स के जरिए अपनी निजी जानकारी और ऑनलाइन मौजूदगी को कंट्रोल कर सकते हैं। वे यहां तक चुन सकते हैं कि उनका निजी विवरण जैसे कि प्रोफ़ाइल फ़ोटो, लास्ट सीन, ऑनलाइन स्टेटस, बायो कौन-कौन देख सकता है. वे यह भी चुन सकते हैं कि ऑनलाइन होने पर कौन उनका स्टेटस देख सकता है। इसके जरिए यूजर खुद को फ्रॉड करने वालों से बचा सकते हैं।

निजी जानकारी शेयर न करें: इंटरनेट का उपयोग करते समय व्यक्तिगत जानकारी और गोपनीयता की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। यूजर्स को अपना पता, फोन नंबर, पासवर्ड, क्रेडिट या डेबिट कार्ड नंबर और बैंक खाते जैसी संवेदनशील जानकारियां साझा करने से बचना चाहिए।

रुकें और सोचें: स्कैम करने वाले इतने चालाकी से मैसेज करते हैं कि सामने वाले को सोचने समझने का मौका ही नहीं मिलता। वे अपनी पहचान बदलकर या किसी जरूरत की जानकारी के लिंक की आड़ में आपकी निजी जानकारियां चुराने या अपना उद्देश्य पूरा करने का प्रयास करते हैं। अगर आपको कोई संदिग्ध टेक्स्ट या रिक्वेस्ट मिले तो उसका जवाब देने से पहले थोड़ा रुककर सोचें। बिना सोचे समझे किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए।

Comments

Latest