दुनिया में कई ऐसी चाही-अनचाही घटनाएं होती हैं जो आपको अस्थिर कर सकती हैं। आपके भीतर तनाव को जन्म देती हैं। अभी आपने इजराइल-हमास हिंसा के दौरान ऐसे कई वीडियो या दृश्य देखे होंगे, जिसने आपको मानसिक तौर पर तनावग्रस्त कर दिया होगा। वैश्विक महामारी, निरंतर नस्लीय हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच तनाव और चिंता इन दिनों हर बातचीत में निर्मित होती दिख रही हैं। क्या इनसे बचने का कोई उपाय है?
न्यूरोसाइंस कहता है कि तनाव एक चुनौतीपूर्ण घटना के लिए एक शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया है। तीव्र तनाव मस्तिष्क में दो मुख्य प्रणालियों को ट्रिगर करता है। सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम (SNS) और हाइपोथैलेमिक पिट्यूटरी एड्रेनल (HPA)। जो तनाव हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है। और यह स्थिति आपके स्वास्थ्य की दृष्टि से सही नहीं है।
जब आपको कभी कभी छोटी-मोटी घटनाओं और बातों को लेकर तनाव होता है, जैसे ट्रैफिक जाम में फंस जाना या अपने साथी के साथ बहस में पड़ना जैसा कुछ। तो इस स्थिति में शरीर के भीतर जो प्रतिक्रिया होती है वह उतना नुकसानदेह नहीं होती है। लेकिन अगर ऐसा आपको हमेशा होने लगे। बात-बात पर आप इन छोटी बातों को लेकर गुस्सा करने लगें, तो सावधान होने की जरूरत है।
लगातार तनाव में रहने से मानसिक और शारीरिक तौर पर हानिकारक असर पड़ता है। इस स्थिति में आपके शरीर के भीतर सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम और हाइपोथैलेमिक पिट्यूटरी एड्रेनल सक्रिय होते हैं, तो यह आपके भीतर असंतुलन को जन्म देता है। जो आपके लिए पीड़ाजनक हो सकती है।
योग कहता है कि ऐसी स्थिति में प्राणायाम या लंबी गहरी सांस लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। प्राणायम और विश्राम की तकनीक आपके भीतर हानिकारक प्रभावों का मुकाबला करती है। शोध से पता चलता है कि प्राणायाम इस स्थिति में एसएनएस और एचपीए की सक्रियता को कम करती हैं और शरीर के भीतर इस स्थिति में उत्पन्न होने वाले हानिकारक तत्वों को नियंत्रित करती हैं। यदि आप नियमित रूप से प्राणायाम और योगासन अभ्यास करते हैं तो ये तनावपूर्ण परिस्थितियों के दौरान संतुलन में लौटने की मस्तिष्क की क्षमता को मजबूत करते हैं।
सांस लेने की ये तकनीक रक्त प्रवाह में सुधार करके आपके भीतर पीड़ा को कम करती है। इस दौरान शरीर को अधिक ऑक्सीजन मिलती है। ये आपके वेगस नर्व को उत्तेजित करके अप्रत्यक्ष रूप से दर्द को कम करते हैं। प्राणायाम और योगासन का अभ्यास आपके पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम (PNS) को ट्रिगर करता है और दर्द की धारणा को बदल देता है। सिर्फ पांच से दस मिनट तक लंबी गहरी सांस लेना और धीरे-धीरे लंबी गहरी सांस छोड़ने का अभ्यास आपको तनाव से मुक्त रहने में मदद कर सकता है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि प्राणायाम और योगासन का अभ्यास किसी योग्य प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।