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ED ने वीवो के खाते किए सील, चाइनीज कंपनी कोर्ट में बोली- बर्बाद हो जाएंगे

लाइव लॉ के मुताबिक ईडी ने वीवो पर आरोप लगाया है कि उसने भारत में टैक्स से बचने के लिए कंपनी को घाटे में दिखाया, वहीं दूसरी तरफ अपनी आधी कमाई यानी 62,476 करोड़ रुपये चीन भेज दिए। एक याचिकाकर्ता बिन लोउ ने ये काम किया था। उसने देश भर में 18 कंपनियां खोलीं। सभी ऑर्डर इन कंपनियों के जरिए लिए गए।

चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो ने भारत में अपने बैंक खातों पर रोक लगाए जाने को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर कंपनी के 9 बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं। इन खातों में करीब 250 करोड़ रुपये जमा हैं। वीवो ने हाईकोर्ट में कहा कि खातों पर रोक लगने से भारत में उसका कामकाज ठप हो गया है। अगर उसे खातों के संचालन की इजाजत नहीं दी गई तो भारत ही नहीं, दुनिया में उसके कामकाम पर बुरा असर पड़ेगा। कंपनी बर्बाद हो जाएगी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद ईडी से वीवो के खाते खोलने के अनुरोध पर विचार करने के लिए कहा है।

वीवो की तरफ से आरोपों से इनकार करते हुए हाईकोर्ट में दलील दी गई कि अगर उसके खाते नहीं खोले गए तो वह अपने हजारों कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएगी।

लाइव लॉ के मुताबिक ईडी ने वीवो पर आरोप लगाया है कि उसने भारत में टैक्स से बचने के लिए कंपनी को घाटे में दिखाया, वहीं दूसरी तरफ अपनी आधी कमाई यानी 62,476 करोड़ रुपये चीन भेज दिए। ईडी के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि 2014 में GPICPL नाम से एक कंपनी खोली गई थी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसे रजिस्टर्ड करा लिया गया था। मौजूदा मामले में एक याचिकाकर्ता बिन लोउ ने ये काम किया था। उसने देश भर में 18 कंपनियां खोलीं। सभी ऑर्डर इन कंपनियों के जरिए लिए गए। इन कंपनियों से वीवो को भारी रकम कमाई हुई। वीवो को बिक्री से कुल 1,25,185 करोड़ रुपये मिले, जिसमें से 62,476 करोड़ रुपये उसने चीन भेज दिए।

वीवो की तरफ से आरोपों से इनकार करते हुए हाईकोर्ट में दलील दी गई कि अगर उसके खाते नहीं खोले गए तो वह अपने हजारों कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाएगी। उसके 9 हजार कर्मचारी हैं, जिनकी जिम्मेदारी कंपनी पर है। इसके अलावा वह सरकार को टैक्स आदि का भुगतान भी नहीं कर पाएगी, जिससे कानून के उल्लंघन का नया मामला बन जाएगा। वीवो के वकील ने कहा कि ईडी ने इस मामले में कंपनी को प्रतिवादी बनाया है, जबकि डिस्ट्रीब्यूटरों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए था।

लाइव लॉ की रिपोर्ट में बताया गया कि हाईकोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने ईडी से वीवो के खाते खोलने के अनुरोध पर विचार करने को कहा। इसके अलावा ईडी की मनी लॉन्ड्रिंग के तहत की गई कार्रवाई को चुनौती देने वाली वीवो की याचिका पर बुधवार तक निर्देश लेकर जवाब दाखिल करने के भी निर्देश दिए। हाईकोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई अब 13 जुलाई को होगी। ईडी ने 5 जुलाई को वीवो और संबंधित फर्मों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मेघालय, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में 44 जगहों पर छापेमारी की थी। उसके बाद खाते फ्रीज करने का कदम उठाया।

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