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विवेक ने बताया राष्ट्रपति बने तो 'यूक्रेन-रूस' युद्ध को कैसे खत्म करेंगे

विवेक ने कहा कि यूक्रेन के साथ अमेरिकी जुड़ाव रूस को चीनी हथियारों की ओर धकेल रहा है। रूस-चीन सैन्य गठबंधन सबसे बड़ा सैन्य खतरा है जिसका हम आज सामना कर रहे हैं। मैं मॉस्को का दौरा करूंगा और मैं रूस को चीन के साथ सैन्य गठबंधन से बाहर निकालूंगा।

Photo : Twitter @VivekGRamaswamy

रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारतीय-अमेरिकी विवेक रामास्वामी ने कीव को नाटो में शामिल न होने देने के साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की वकालत की है। हालांकि उनका यह बयान अन्य अमेरिकी नेताओं से अलग है।

विवेक रामास्वामी ने तर्क देते हुए कहा कि संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चीन के साथ अपने सैन्य गठबंधन से बाहर निकलना चाहिए। रामास्वामी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मैं यूक्रेन युद्ध को एक शर्त पर समाप्त करना चाहूंगा कि पुतिन चीन के साथ अपने सैन्य गठबंधन से बाहर निकले। हालांकि इसका मतलब ये नहीं कि यह रूस की हार हो। लेकिन हां ये अमेरिका की जीत होनी चाहिए।

बता दें कि विवेक ने एक्स पर अपने सीएनएन के साथ साक्षात्कार को साझा किया है जिसमें उन्होंने यह बात कही है। उन्होंने साक्षात्कार में रूस-चीन सैन्य गठबंधन को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा सैन्य खतरा बताया और कहा कि वह राष्ट्रपति पद संभालने के बाद मास्को का दौरा करेंगे।

उन्होंने कहा कि बाइडेन प्रशासन शी जिनपिंग से व्लादिमीर पुतिन को दूर करने पर अड़ा हुआ है। जबकि मुझे लगता है कि व्लादिमीर पुतिन से शी जिनपिंग को दूर करने की जरूरत है। मैं मॉस्को का दौरा करूंगा और मैं रूस को चीन के साथ सैन्य गठबंधन से बाहर निकालूंगा।

उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन के साथ अमेरिकी जुड़ाव रूस को चीनी हथियारों की ओर धकेल रहा है। रूस-चीन सैन्य गठबंधन सबसे बड़ा सैन्य खतरा है जिसका हम आज सामना कर रहे हैं। हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमताएं, परमाणु क्षमताएं होने के साथ-साथ चीन हमसे कहीं आगे है। चीन की नौसैनिक क्षमताएं हमसे आगे हैं। सबसे बुरी बात यह है कि यूक्रेन में हमारी व्यस्तताएं रूस को चीन की बाहों में धकेल रही हैं।

विवेक ने कहा कि हमें पुतिन के हारने पर नहीं बल्कि अमेरिका के जीतने पर ध्यान देना चाहिए। मेरी विदेश नीति उस गठबंधन को कमजोर करने पर केंद्रित है। मैं सीमा रेखाओं को स्थिर कर दूंगा और डोनबास क्षेत्र के कुछ हिस्सों को रूस के पास छोड़ दूंगा। इसके अलावा मैं यह भी तय करूंगा कि नाटो यूक्रेन को नाटो में स्वीकार नहीं करेगा। हमारा लक्ष्य पुतिन की हार नहीं होनी चाहिए, हमारा लक्ष्य अमेरिका की जीत होना चाहिए। हम इस वक्त यही भूल गए हैं।

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