रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने यूएस कांग्रेस को ‘डेट सीलिंग डील' (Debt Ceiling Deal) के खिलाफ वोट के खिलाफ वोट करने की अपील की है। बाइडेन और यूएस कांग्रेस के बीच लगभग एक महीने से चल रही लंबी बातचीत के बाद विवेक का यह बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अगर मैं यूएस कांग्रेस में होता तो मैं इस सौदे के खिलाफ मतदान करता।
https://twitter.com/VivekGRamaswamy/status/1663008607267422211
विवेक रामास्वामी ने रविवार देर रात अपना यह बयान सोशल मीडिया हैंडल ट्विटर के जरिए साझा किया है। उन्होंने बाइडेन और हाउस स्पीकर केविन मैक्कार्थी के बीच चल रही बातचीत पर अपने विचार साझा करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि मैं डेट सीलिंग डील यानी ऋण सीमा सौदे के खिलाफ मतदान करना चाहूंगा। हमें दो साल के चुनावी चक्रों के बजाय लंबे भविष्य के बारे में सोचने की जरूरत है। हमें सिद्धांतों के लिए खड़ा होना चाहिए न कि दिखावट के लिए। मैं अपने इस बयान के लिए माफी भी नहीं मांगूगा। आपको बता दें कि विवेक के इस बयान का यूटा से सीनेटर माइक ली समेत काफी अमेरिकियों ने समर्थन किया है।
https://twitter.com/BasedMikeLee/status/1663209427044823042
विवेक का यह बयान उस वक्त आया है जब लंबी अवधि के गतिरोध के बाद बाइडेन और यूएस कांग्रेस के नेताओं के बीच समझौते की आशंका जताई जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों पक्षों के लिए बातचीत एक नतीजे पर पहुंच गई है जो अमेरिका को विनाशकारी चूक से रोक सकती है।
99 पन्नों के सौदे के दस्तावेज को रविवार शाम को सार्वजनिक किया गया था और आने वाले दिनों में हितधारकों के बीच गहन जांच की बात कही गई थी। कानून में दो साल के लिए ऋण सीमा को बढ़ाकर 31.4 ट्रिलियन डॉलर करने का प्रावधान शामिल है। सीधे शब्दों में कहें तो नवंबर 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले राष्ट्रपति बाइडेन को इस गंभीर मामले में अब शामिल नहीं होना पड़ेगा।
क्या है Debt Ceiling Deal: अमेरिका की संसद ने कानून बनाकर कर्ज को लेने की सीमा तय की हुई है, जिसे ऋण सीमा (Debt Ceiling) कहा जाता है। अमेरिकी संविधान के अनुसार कांग्रेस (संसद) को सरकारी खर्च को नियंत्रित करने का अधिकार दिया गया है। अब राष्ट्रपति जो बाइडेन और निचले हाउस के स्पीकर केविन मैकार्थी ने 1 जनवरी, 2025 तक डेट सीलिंग (debt ceiling) यानी ऋण लेने की सीमा को हटाने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि इस बिल के पास होने के बाद अमेरिकी सरकार तय लिमिट से अधिक ऋण ले सकती है।
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