रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने कहा है कि उन्हें विश्वास नहीं है कि अमेरिकी सरकार ने 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमलों के संबंध में आम लोगों के सामने 'सच्चाई बताई है'। भारतीय-अमेरिकी ने ब्लेजटीवी पर एक उपस्थिति के दौरान कहा कि सऊदी अरब सरकार इस हमलों में शामिल हो सकती है।
विवेक रामास्वामी ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं है कि सरकार ने हमें सच बताया है। उन्होंने कहा कि ये जरूर है कि मैं साक्ष्यों और डेटा पर विश्वास करता हूं लेकिन पिछले कई वर्षों में मैंने देखा है कि सरकार हमें जो बताती है उस पर हमें संदेह करना पड़ता है। मैंने बयानों के विपरीत कोई सबूत नहीं देखे हैं। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या हमें सरकार ने इसके बारे में जो कुछ भी बताया है उस पर मैं उस पर विश्वास करूं? तो मैं कहूंगा बिल्कुल नहीं। क्या मैं 9/11 आयोग पर विश्वास करता हूं? बिल्कुल नहीं।
विवेक के इस बयान से बढ़ते विवाद के बाद उनके अभियान ने साक्षात्कार के बाद सोशल मीडिया पर किए गए एक पोस्ट की ओर इशारा किया, जिसमें यह दोहराया गया कि अमेरिकी सरकार हमलों के बारे में 'पूरी तरह से स्पष्ट' नहीं थी। उन्होंने लिखा कि क्या मैं मानता हूं कि हमारी सरकार 9/11 के बारे में पूरी तरह से स्पष्ट है? नहीं। अल-कायदा ने स्पष्ट रूप से हमलों की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया है। लेकिन हमने कभी भी पूरी तरह से संबोधित नहीं किया कि सऊदी सरकार को इसके बारे में क्या पता था। हम में इतनी ताकत है कि हम सच्चाई को बयां कर सकते हैं।
बता दें कि विवेक ने फरवरी में एक आउटसाइडर के तौर पर रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन प्रतियोगित में प्रवेश किया था लेकिन अब वह नंबर 1 पर आ गए हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्ंप अब फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस से पीछे तीसरा स्थान पर हैं। रॉयटर्स-इप्सोस पोल के मुताबिक विवेक रामास्वामी को रिपब्लिकन पार्टी के 9% नेताओं का समर्थन प्राप्त है।
मालूम हो कि विवेक रामास्वामी के माता-पिता भारत के राज्य केरल से संयुक्त राज्य अमेरिका चले आए और ओहियो में एक जनरल इलेक्ट्रिक प्लांट में काम किया। 37 वर्षीय विवेक रामास्वामी चीन पर निर्भरता खत्म करने और योग्यता को वरीयता देने जैसे मुद्दों के साथ राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।