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विशेष सीरीज: अयोध्या की घटना से देश का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ा

वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र सिंह पिछले 45 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। उन्होंने देश के प्रमुख समाचार पत्रों में कार्य किया है। अयोध्या की दो प्रमुख घटनाओं 1990 में गोलीकांड व 1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस के वह चश्मदीद गवाह रहे हैं। अयोध्या प्रकरण पर पढ़िए श्री सिंह का ‘आंखों-देखा’ हाल।

अयोध्या में विवादित स्थल पर हुए घटनाक्रम की खबर आग की तरह  पूरे देश में फैल गयी। इसके बाद साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ गया। जगह-जगह दंगा फसाद, लूटपाट, आगजनी और हिंसक घटनाएं होने लगीं। इस दंगा फसाद में तमाम लोगों की जाने भी चली गयीं। पूरा प्रदेश और देश साम्प्रदायिकता की आग में जलने लगा। भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, शिवसेना व अन्य दक्षिणपंथी विचारधारा वाले दलों से जुड़े लोग देश में जश्न मना रहे थे तो दूसरी ओर मुस्लिम समुदाय आक्रोश से भरा हुआ था। दोनों समुदायों के बीच बढ़ा वैमनस्य जगह-जगह हिंसा में तब्दील हो रहा था। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत को अयोध्या में हुए इस अप्रत्याशित और अवांछनीय घटनाक्रम की वजह से काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।

दक्षिणपंथी विचारधारा वाले दलों से जुड़े लोग देश में जश्न मना रहे थे तो मुस्लिम समुदाय आक्रोश से भरा हुआ था।

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