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विशेष सीरीज: ब्रिटिश सरकार ने बाड़ से अयोध्या स्थल की कर दी थी घेराबंदी

वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र सिंह पिछले 45 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। उन्होंने देश के प्रमुख समाचार पत्रों में कार्य किया है। अयोध्या की दो प्रमुख घटनाओं 1990 में गोलीकांड व 1992 में विवादित ढांचे के विध्वंस के वह चश्मदीद गवाह रहे हैं। अयोध्या प्रकरण पर पढ़िए श्री सिंह का ‘आंखों-देखा’ हाल।

राम जन्मभूमि स्थल पर मस्जिद निर्माण के बाद से यह मुद्दा विवाद का विषय बन गया था। वर्ष 1859 में ब्रिटिश सरकार ने इसे विवादित स्थल मानते हुए वहां बाड़ लगाकर घेराबंदी कर दी। इस परिसर के भीतरी हिस्से में मुसलमानों को और बाहरी हिस्से में हिन्दुओं को प्रार्थना करने की अनुमति प्रदान कर दी। विवाद पर विस्तार से आगे जाने से पहले यहां अयोध्या जैसी देश में घटी और घटनाओं का उल्लेख करना समीचीन होगा।

वर्ष 1859 में ब्रिटिश सरकार ने इसे विवादित स्थल मानते हुए वहां बाड़ लगाकर घेराबंदी कर दी।

मीर बाकी से पहले और बाद में विदेशी मुगल आक्रमणकारियों ने भारत पर आक्रमण के बाद कई देसी रियासतों के राजाओं को पराजित कर अपना शासन कायम किया। साथ ही साथ देश भर में बड़ी संख्या में मंदिरों को तोड़ा, लूटपाट की और मंदिरों के परिसर तोड़कर वहां मस्जिदें बनवाईं। 1025 ईस्वी में अफगानिस्तान के तत्कालीन जैबुलिस्तान से आए महमूद गजनी ने गुजरात के सोमनाथ में शिव मंदिर के ज्योतिर्लिंग को तोड़ा, मन्दिर ध्वस्त किया और मन्दिर से सोना-हीरे, जवाहरात के अलावा दो मिलियन दीनार मूल्य की सम्पत्ति लूट ले गया।

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