इतिहास में तमाम ऐसे दिन और घटनाएं हैं, जिन्हें लोग भूलना चाहते हैं, लेकिन वह हमेशा यादों में बने रहते हैं। मेरे लिए 9/11 या 11 सितंबर 2001 का दिन कभी भुला पाना संभव नहीं है। ऐतिहासिक वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बिल्डिंग पर हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिला दिया। इस आतंकी हमले में करीब 2900 निर्दोष लोगों को जान गंवानी पड़ी। मैं उस दिन न्यूयॉर्क (अमेरिका) में ही था।

वॉशिंगटन डीसी में 'द हिंदू' अखबार के विशेष संवाददाता के रूप में मेरे शेड्यूल में संयुक्त राष्ट्र को कवर करना भी शामिल था। इस रूटीन के तहत मैं महीने में एक बार या उससे अधिक यूनाइटेड नेशंस को कवर करने के लिए न्यूयॉर्क जाता था। आमतौर पर मैं रविवार को दोपहर तक न्यूयॉर्क पहुंच जाता था, इसके बाद सोमवार मंगलवार और बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की एक्टिविटीज को कवर करके गुरुवार सुबह वॉशिंगटन डीसी वापस लौट आता था। इसी शेड्यूल के तहत मैं 9 सितंबर को न्यूयॉर्क पहुंचा, अगले दिन संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ और 11 सितंबर की सुबह लेक्सिंगटन एवेन्यू में अपने होटल के कमरे में तैयार हो रहा था, तभी फोन की घंटी बजी।