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विशेष लेखः 9/11 की आतंकी घटना अमेरिकियों की यादों में भीतर तक धंसी है

अमेरिका और विश्व ने 9/11 हमलों की 20वीं वर्षगांठ मनाई, लेकिन कुछ लोग ही कह सकते हैं कि दुनिया सुरक्षित है। तथ्य यह है कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बारे में विश्व समुदाय आशंकित है। यह उस संगठन के बारे में बताता है, जिसने ओसामा बिन लादेन और अल कायदा को आश्रय देकर आंतकवाद को बढ़ावा दिया।

इतिहास में तमाम ऐसे दिन और घटनाएं हैं, जिन्हें लोग भूलना चाहते हैं, लेकिन वह हमेशा यादों में बने रहते हैं। मेरे लिए 9/11 या 11 सितंबर 2001 का दिन कभी भुला पाना संभव नहीं है। ऐतिहासिक वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बिल्डिंग पर हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिला दिया। इस आतंकी हमले में करीब 2900 निर्दोष लोगों को जान गंवानी पड़ी। मैं उस दिन न्यूयॉर्क (अमेरिका) में ही था।

11 सितंबर 2001 के दिन आतंकवादी हमले के बाद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ढह गया था। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टॉवर के क्षतिग्रस्त होने से आसपास की इमारतों को भी भारी नुकसान हुआ था। Source: Watching the World Change: The Stories Behind the Images of 9/11/ David Friend

वॉशिंगटन डीसी में 'द हिंदू' अखबार के विशेष संवाददाता के रूप में मेरे शेड्यूल में संयुक्त राष्ट्र को कवर करना भी शामिल था। इस रूटीन के तहत मैं महीने में एक बार या उससे अधिक यूनाइटेड नेशंस को कवर करने के लिए न्यूयॉर्क जाता था। आमतौर पर मैं रविवार को दोपहर तक न्यूयॉर्क पहुंच जाता था, इसके बाद सोमवार मंगलवार और बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की एक्टिविटीज को कवर करके गुरुवार सुबह वॉशिंगटन डीसी वापस लौट आता था। इसी शेड्यूल के तहत मैं 9 सितंबर को न्यूयॉर्क पहुंचा, अगले दिन संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुआ और 11 सितंबर की सुबह लेक्सिंगटन एवेन्यू में अपने होटल के कमरे में तैयार हो रहा था, तभी फोन की घंटी बजी।

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