Skip to content

वीजा के लिए फर्जी शादी कराने के आरोप में पिचाई को सिंगापुर में मिली जेल

अदालत ने भी माना कि इस समझौते से पिचाई को आर्थिक रूप से लाभ नहीं हुआ मगर कहा कि पिचाई ने शादी कराने में अहम भूमिका निभाई है लिहाजा छह महीने की सजा सुना दी गई।

सिंगापुर में एक भारतीय मूल के व्यक्ति को आव्रजन लाभ हासिल करने के लिए एक सहकर्मी और अपनी भतीजी के बीच सुविधानुसार शादी करने के अपराध में छह महीने की जेल की सजा सुनाई गई है।

मिली जानकारी के मुताबिक मीरान गनी नागूर पिचाई (73) ने अब्दुल कादर कासिम नाम के एक भारतीय नागरिक से S$25,000 (करीब 15 लाख रुपये) के भुगतान के बदले में आर्थिक तंगी से जूझ रही अपनी भतीजी से शादी करने के लिए कहा था।

पिछले साल इमिग्रेशन एंड चेकपॉइंट्स अथॉरिटी (ICA) के अधिकारियों ने अप्रवासन लाभ प्राप्त करने के लिए नकली विवाह आयोजित करने के आरोप में पिचाई को गिरफ्तार कर लिया।

कासिम उस समय (2016) अपने अल्पकालिक यात्रा पास का विस्तार करना चाहता था। कासिम के सामने यह प्रस्ताव इसलिए रखा गया क्योंकि सिंगापुर में प्रवेश की अपनी तिथि से 89 दिनों के विस्तार की मांग करने वाले लघु अवधि के यात्रा पास आवेदकों को स्थानीय प्रायोजक की आवश्यकता होती है।

इस तरह समझौते के एक हिस्से के रूप में पिचाई ने अपनी भतीजी नूरजान अब्दुल को कासिम का प्रायोजक बनाने की व्यवस्था की। कासिम और नूरजान की शादी और वित्तीय व्यवस्था के लिए रजामंदी के बाद यह भी सहमति हुई कि पिचाई को 1,000 डॉलर (करीब 61 हजार रुपये) मिलेंगे क्योंकि नूरजान के पूर्व पति ने उन्हें पैसे दिए थे।

समझौते के अनुरूप कासिम और नूर की सितंबर 2016 में शादी हुई मगर पिछले साल इमिग्रेशन एंड चेकपॉइंट्स अथॉरिटी (ICA) के अधिकारियों ने अप्रवासन लाभ प्राप्त करने के लिए नकली विवाह आयोजित करने के आरोप में पिचाई को गिरफ्तार कर लिया। फिर मुकदमेबाजी होती रही।

बुधवार को ICA के सहायक अधीक्षक गणेशवरन धनशेखरन ने अदालत को बताया कि नकली विवाह एक अपराध है क्योंकि उसका पता लगाना मुश्किल होता है और नकली विवाह के साक्ष्य को उजागर करना भी कठिन है। उन्होंने अदालत से पिचाई के लिए छह महीने की जेल की सजा की मांग करते हुए कहा कि ICA नकली शादियों को गंभीरता से लेता है।

इस पर पिचाई के वकील ने अदालत से कहा कि इस मामले को लेकर उनके मुवक्किल को पछतावा है और उनकी मंशा अपने सहयोगी और भतीजी की मदद करना था। अदालत ने भी माना कि इस समझौते से पिचाई को आर्थिक रूप से लाभ नहीं हुआ मगर कहा कि पिचाई ने शादी कराने में अहम भूमिका निभाई है लिहाजा छह महीने की सजा सुना दी गई।

गौरतलब है कि कासिम को इस मामले में पिछले साल ही अगस्त में छह महीने की सजा हो चुकी है और नूर इस साल फरवरी माह से सात महीने की सजा काट रही है।

Comments

Latest