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विदेश मंत्री जयशंकर बोले, तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान

भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह वह भारत नहीं है जो किसी के द्वारा उसके राष्ट्रीय ध्वज को गिराए जाने को स्वीकार करेगा। आज का भारत अलग है। एक ऐसा भारत है जो बहुत जिम्मेदार है और बहुत मजबूत भी है।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर एक कार्यक्रम में (फोटो twitter @DrSJaishankar)

लंदन में भारतीय उच्चायोग की इमारत से खालिस्तान समर्थकों द्वारा तिरंगा उतारने की कोशिश के मामले में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ी चेतावनी दी है। जयशंकर ने कहा कि भारत अपना राष्ट्रीय ध्वज नीचे गिराए जाने को स्वीकार नहीं करेगा। कर्नाटक के धारवाड़ में बुद्धिजीवियों के साथ बातचीत में उन्होंने ये बातें कहीं। बीजेपी की तरफ से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

जयशंकर ने कहा कि पिछले दिनों लंदन, कनाडा और सैन फ्रांसिस्को में कुछ घटनाएं देखी हैं। ब्रिटेन में जब यह घटना हुईं, उसके बाद हमारे उच्चायुक्त ने पहले से भी बड़ा राष्ट्रीय ध्वज पूरी इमारत पर लगा दिया। यह न केवल खालिस्तानियों के लिए, बल्कि ब्रिटेन के लिए भी कड़ा जवाब था। यह इस बात का प्रतीक है कि यह हमारा राष्ट्रीय ध्वज है और यदि किसी ने इसका अपमान करने की कोशिश की तो हम इससे भी बड़ा झंडा लगा देंगे। जयशंकर ने कहा कि यह वह भारत नहीं है जो किसी के द्वारा उसके राष्ट्रीय ध्वज को गिराए जाने को स्वीकार करेगा। आज का भारत अलग है। एक ऐसा भारत है जो बहुत जिम्मेदार है और बहुत मजबूत भी है।

विदेश मंत्री ने कहा कि दूसरे देशों में जहां भारतीय दूतावास काम कर रहे हैं, वहां उन देशों की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें सुरक्षा प्रदान करें। अगर सुरक्षा नहीं मिल पाती है तो भारत सही तरीके से प्रतिक्रिया देगा। उन्होंने कहा कि भारत में हम इतने सारे विदेशी दूतावासों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।

खालिस्तानी मुद्दे पर दुनिया को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर वे अपने देश में भारतीय दूतावासों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराते हैं और तिरंगे के अपमान की इस तरह की घटनाएं होती हैं और वे इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं तो हम भारत की ओर से प्रतिक्रिया देंगे।

बता दें कि लंदन में हुई घटना के बाद, भारत ने अपने राजनयिक मिशन की सुरक्षा को लेकर ब्रिटिश सरकार के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था और परिसर में पर्याप्त सुरक्षा की कमी पर सवाल उठाया था। हालांकि भारत सरकार के आग्रह के बाद भी ब्रिटिश सरकार खालिस्तानी समर्थकों से निपटने में कथित तौर पर ढिलाई बरतती नजर आई थी।

इसके बाद भारत ने नई दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग के बाहर ट्रैफिक बैरिकेड्स को हटा दिया था। भारत सरकार के 'जैसे को तैसा' वाले रुख को देखते हुए लंदन में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ब्रिटिश सरकार मजबूर हो गई। वहीं, इस घटना के बाद लंदन में तिरंगे के पक्ष में कई स्थानीय भारतीय लोग खड़े हुए और खालिस्तान का विरोध किया।

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