भारतीय मूल की वनिता गुप्ता की पहचान अमेरिका में सामाजिक कार्यकर्ता और लोगों के न्याय की लड़ाई लड़ने वाली वकील के तौर पर रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन ने उन्हें अपनी टीम में शामिल करते हुए एसोसिएट अटार्नी जनरल जैसा महत्वपूर्ण पद सौंपा था। अब खबर आ रही है है कि वनिता गुप्ता अगले साल की शुरुआत में पद छोड़ देंगी।
Vanita Gupta is the 3rd longest serving serving Associate Attorney General—3rd highest ranking official in DOJ. She’s been a superb force defending civil rights & advancing the rule of law. Deeply proud of this LDF alum & look forward to the justice work she’ll do next. Congrats! https://t.co/SmSnuG5dxx
— Janai Nelson (@JNelsonLDF) December 14, 2023
गर्भपात और पुलिस सुधार जैसे मुद्दों पर आवाज उठाने वाली 49 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी न्याय विभाग के तीसरे नंबर के पद पर पहुंचने वाली पहली अश्वेत महिला और पहली नागरिक अधिकार वकील हैं। न्याय विभाग (डीओजे) के अनुसार, साल 2021 में वनिता को एसोसिएट अटॉर्नी जनरल चुना गया था।
Yesterday, Attorney General Merrick B. Garland and Associate Attorney General Vanita Gupta spoke at the department’s Violent Crime Reduction Summit, announcing the release of the Violent Crime Reduction Roadmap. https://t.co/Y4OeXev3UU pic.twitter.com/vS08I4NjWe
— U.S. Department of Justice (@TheJusticeDept) December 12, 2023
अटॉर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि गुप्ता ने हिंसक अपराध और बंदूक हिंसा से निपटने और अपराध के पीड़ितों का समर्थन करने के लिए विभाग के प्रयासों में एक अभिन्न भूमिका निभाई। इसके अलावा भी उन्होंने कई अहम फैसले लिए। वह एंटीट्रस्ट प्रवर्तन, नागरिक अधिकारों, पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन प्रभागों सहित विभाग के नागरिक मुकदमेबाजी वर्गों की देखरेख करती थीं।
Associate Attorney General Vanita Gupta Statement on Supreme Court’s Order Granting Certiorari to Review the Fifth Circuit Decision in Alliance for Hippocratic Medicinehttps://t.co/okw6YuB3Dd pic.twitter.com/XrgucurhLl
— U.S. Department of Justice (@TheJusticeDept) December 13, 2023
टेक्सास के उवाल्डे में मई 2022 में हुई गोलीबारी के मामले में न्याय विभाग द्वारा कानून प्रवर्तन कार्रवाई की समीक्षा पूरी करने के बाद गुप्ता के जाने की उम्मीद है। 'द वाशिंगटन पोस्ट' की खबर के अनुसार गारलैंड के 2021 में पदभार संभालने के बाद से वह न्याय विभाग छोड़ने वाली सर्वोच्च अधिकारी हैं।
Public service can be hard in good times. Vanita Gupta showed up and served in hard ones & she brought heart & mind to the US DOJ and put the “Justice” back in the Department! https://t.co/cvnwhD9DlI
— Maya Wiley (@mayawiley) December 14, 2023
अटॉर्नी जनरल मेरिक बी. गारलैंड ने कहा कि वह गुप्ता की असाधारण सेवा के लिए उनके बहुत आभारी हैं। न्याय की खोज के लिए उनकी प्रतिबद्धता, और आम जमीन खोजने के लिए लोगों को एक साथ लाने पर उनके अथक ध्यान ने उन्हें अमेरिकी लोगों के सामने आने वाली कुछ सबसे जटिल चुनौतियों से निपटने में एक अविश्वसनीय रूप से प्रभावी नेता बना दिया है।

अमेरिका के सबसे प्रसिद्ध और सबसे सम्मानित नागरिक अधिकार वकीलों में से एक गुप्ता विभाग के प्रजनन अधिकार और ओपियोइड महामारी सिविल लिटिगेशन टास्क फोर्स की अध्यक्षता कर रही हैं। साथ ही वह गैरकानूनी जुर्माना और शुल्क प्रथाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं।
भारतीय मूल की वनिता गुप्ता उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की रहने वाली है। वनिता के पिता राजीव लोचन कोठीवाल परिवार के सदस्य हैं। इनका परिवार अलीगढ़ के महावीर गंज स्थित प्रसिद्ध दाऊजी मंदिर का ट्रस्टी भी है। वनिता के पिता राजीव लोचन अपने परिवार के साथ करीब 40 साल पहले अमेरिका शिफ्ट हो गए थे।
वनिता ने एनएएसीपी लीगल डिफेंस एंड एजुकेशनल फंड में एक वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया, जहां उन्होंने टेक्सास के तुलिया में 38 व्यक्तियों की गलत नशीली दवाओं की सजा को पलटने के प्रयास का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया, जिन्हें अंततः गवर्नर रिक पेरी द्वारा माफ कर दिया गया था। उन्होंने 2007 में अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन का स्टाफ अटार्नी बनने के बाद शरण मांगने वालों को हिरासत में रखे जाने को लेकर देश के आप्रवासन और सीमा शुल्क प्रवर्तन के खिलाफ एक मामला दर्ज किया और इसमें जीत हासिल कर नागरिक अधिकारों के एक मुखर समर्थक के रूप में अपना कद ऊंचा कर लिया।
2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वनीता को मानव अधिकार के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल की जिम्मेदारी दी और उन्हें न्याय विभाग में मानव अधिकार खंड का प्रमुख बनाया। वह 2017 तक इस पद पर रहीं। वनिता गुप्ता ने येल विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की। उसके बाद न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ से कानून की डिग्री प्राप्त की, जहां उन्होंने बाद में कई वर्षों तक एक नागरिक अधिकार मुकदमा क्लिनिक पढ़ाया।