अमेरिका जाने के लिए जिस वीजा को लेकर भारतीय सबसे ज्यादा बेताब रहते हैं, ठीक एक महीने बाद उसके आवेदन स्वीकार किए जाने लगेंगे। बहुप्रतीक्षित H-1B वीजा के लिए अमेरिका आधिकारिक तौर पर 1 मार्च से आवेदन स्वीकार करेगा। अमेरिकी कंपनियां विदेशों से कुशल श्रमिक लेने के लिए यह वीजा देती हैं और भारत में आईटी पेशेवरों में इस वीजा की सबसे ज्यादा मांग रहती है।
H-1B वीजा एक नॉन-इमीग्रेंट वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाले विशेष व्यवसायों में विदेशी श्रमिकों को नियुक्त करने की अनुमति देता है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को इसी अनुमति के तहत नियुक्त करती हैं।