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अमेरिका में सिखों की बड़ी जीत, अब दाढ़ी-पगड़ी रखकर बन सकेंगे मरीन कमांडो

मरीन कोर में बेसिक ट्रेनिंग और युद्ध क्षेत्र में जवानों को दाढ़ी-मूंछ रखने की अनुमति नहीं होती है। कोर का कहना था कि इससे सैनिकों में एकरूपता नहीं रहती, रंगरूटों में भेदभाव हो सकता है। मरीन कोर के इस नियम को तीन सिखों ने चुनौती दी। अब अदालत ने भी उनकी दलीलों को स्वीकार कर लिया है।

पगड़ी और दाढ़ी पहनने वाले सिखों को अमेरिका में बड़ी जीत मिली है। एक अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि सिखों को दाढ़ी और पगड़ी के साथ अमेरिका की एलीट मरीन कोर में बेसिक ट्रेनिंग लेने से नहीं रोका जा सकता। अदालत ने तीन सिख आकाश सिंह, जसकीरत सिंह और मिलान सिंह चहल की याचिका पर ये अहम आदेश पारित किया है।

दरअसल मरीन कोर में बेसिक ट्रेनिंग और युद्ध क्षेत्र में जवानों को दाढ़ी-मूंछ रखने की अनुमति नहीं होती है। कोर का कहना था कि इससे सैनिकों में एकरूपता नहीं रहती, रंगरूटों में भेदभाव हो सकता है और सबसे बड़ी बात कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इसी आधार पर मरीन कोर ने तीनों सिख रंगरूटों से कहा था कि वे तभी बुनियादी प्रशिक्षण ले सकते हैं जब वे क्लीन शेव कर लें।

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