Skip to content

अमेरिका में नफरती हमलों की बाढ़, सरकार ने सिखों के लिए चलाई खास मुहिम

एफबीआई के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में साल 2021 में धर्म से संबंधित 1,005 घृणा अपराध दर्ज किए गए थे जिनमें सिखों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया था। धर्म आधारित अपराधों में सबसे अधिक (31.9 प्रतिशत) यहूदी विरोधी घटनाएं हुई थीं। सिख विरोधी घटनाओं का प्रतिशत 21.3 था।

सांकेतिक तस्वीर (साभार सोशल मीडिया)

उत्तरी कैरोलिना के चार्लोट शहर में सिख समुदाय के प्रतिनिधियों ने नफरत और घृणा के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की। न्याय विभाग की यूनाइटेड अगेंस्ट हेट (यूएएच) पहल के तहत यह पहली बैठक गुरुद्वारा खालसा दरबार में रविवार को हुई।

न्याय विभाग ने यूनाइटेड अगेंस्ट हेट पहल की घोषणा सितंबर 2022 में उत्तरी कैरोलिना के पश्चिमी जिले में घृणा अपराधों से लड़ने के लिए राष्ट्रीय मुहिम के रूप में की थी। एफबीआई के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका में साल 2021 में धर्म से संबंधित 1,005 घृणा अपराध दर्ज किए गए थे जिनमें सिखों को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया था। धर्म आधारित अपराधों में सबसे अधिक (31.9 प्रतिशत) यहूदी विरोधी घटनाएं हुई थीं। सिख विरोधी घटनाओं का प्रतिशत 21.3 था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक में यूएस अटॉर्नी देना जे किंग ने कहा कि पश्चिमी जिले में रहने वाले समुदाय के लोगों को भय, हिंसा और धमकी से मुक्त जीवन जीने का पूरा अधिकार है। यह मौलिक अधिकार संविधान द्वारा गारंटीशुदा और संरक्षित है। दुर्भाग्य की बात है कि कुछ समूहों को घृणा और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है।

न्याय विभाग की तरफ से जारी रिलीज के अनुसार किंग ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य समुदायों की रक्षा करना, सदस्यों को उनके अधिकारों व संबंधित कानून के बारे में शिक्षित करना, घृणित अपराधों व नफरती घटनाओं की सूचना देने का अवसर प्रदान करना और देश की आपराधिक न्याय प्रणाली में विश्वास बढ़ाना है।

यूनाइटेड सिख्स के प्रतिनिधि पुष्पिंदर गरचा ने कहा कि समुदाय के सामने आई किसी भी चुनौती को लेकर हमें संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सहायता पाने में कभी दिक्कत नहीं हुई।

बैठक में घृणा अपराधों और नागरिक अधिकार उल्लंघन मामलों की पैरवी कर चुके सहायक अमेरिकी अटॉर्नी, एफबीआई के प्रतिनिधियों और चार्लोट मेक्लेनबर्ग पुलिस विभाग द्वारा प्रेजेंटेशन भी दिया गया। इस दौरान घृणा अपराधों बनाम घृणास्पद घटनाओं पर परिचर्चा भी हुई।

Comments

Latest