गुजरात का सूरत शहर अब दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता सहित 10 नगरों से सीधा जुड़ गया है। इसका फायदा देशी विदेशी तमाम पर्यटकों को भी होगा जो सूरत के आसपास दर्शनीय स्थलों का दीदार करने के लिए आते हैं। अब तमाम शहरों से सूरत के लिए सीधी फ्लाइट भी शुरू की जा रही हैं। सूरत शहर के बीच से ताप्ती नदी गुजरती है, जिसके किनारे पर कई ऐतिहासिक इमारतें पर्यटकों को खासा लुभाती हैं।
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डायमंड सिटी और टेक्सटाइल नगरी के नाम से मशहूर सूरत अरब सागर के तट पर बसा हुआ है। यहां का डुमस बीच भारत के भूतिया ठिकानों में से एक है। डुमस बीच का इलाका एक समय कब्रगाह हुआ करता था। यहां से जुड़ी कई भूतिया कहानियां भी हैं, जो पर्यटकों की जिज्ञासा बढ़ाती हैं। पर्यटकों को यहां के मनोरम दृश्य बहुत रोमांचित करते हैं।
सूरत शहर से लगभग 28 किलोमीटर दूर अरब सागर के तट का एक दूसरा ठिकाना है हजीरा। शनिवार, रविवार और छुट्टी के दिनों में यहां लोगों की भीड़ उमड़ती है। यहां ऊंट की सवारी करने की भी सुविधा है। यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों में रुचि रखते हैं तो 16वीं सदी का सूरत महल आपकी जिज्ञासा को जरूर बढ़ाएंगे।
यह महल सुल्तान महमूद-तृतीय ने बनवाया था। पुर्तगालियों के हमले से बचने के लिए सुल्तान ने ताप्ती नदी के किनारे इस महल को बनवाया गया था। यह पुराना किले के नाम से भी मशहूर है। यहां से कुछ दूरी पर डच गार्डेन है, जिसे 17वीं सदी में विकसित किया गया था। यह भी ताप्ती नदी के किनारे है।
सूरत में कई मंदिर हैं। अठवा लाइंस इलाके में अम्बिका निकेतन मंदिर काफी प्रसिद्ध है। शिल्पकला का बेहतरीन नमूना पेश करने वाला चिंतामणि मंदिर भी है। सूरत के अड़ाजन क्षेत्र में प्रसिद्ध इस्कॉन टेंपल है। यहां के मंदिरों में संगमरमर और राजस्थानी पत्थरों का काफी काम देखने को मिलता है।