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G20 बैठक से पहले कश्मीर पर UN एक्सपर्ट का बयान, भारत का कड़ा जवाब

अल्पसंख्यक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के स्पेशल रैपोर्टेयर डॉ फर्नांड डी वेरेन्स ने एक बयान में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है। कश्मीरी मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लोकतांत्रिक और अन्य अधिकारों को कुचला जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र के एक विशेषज्ञ द्वारा जम्मू-कश्मीर पर जारी किए गए बयान को भारत ने निराधार और अनुचित बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है। भारत के जम्मू-कश्मीर में पहली बार जी20 की बैठक होने जा रही है। भारत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत को देश के किसी भी हिस्से में अपनी बैठकों की मेजबानी करने का विशेषाधिकार है।

दरअसल अल्पसंख्यक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र के स्पेशल रैपोर्टेयर डॉ. फर्नांड डी वेरेन्स ने एक बयान में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है। कश्मीरी मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लोकतांत्रिक और अन्य अधिकारों को कुचला जा रहा है। जी20 बैठक आयोजित करके भारत इन सब दमनकारी नीतियों को सामान्य करने का प्रयास कर रहा है।

इस पर भारत ने कहा कि वर्नेस ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया है। जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत अल्पसंख्यक मुद्दों पर जारी किए गए डॉ. फर्नांड डी वेरेन्स के निराधार और अनुचित आरोपों को दृढ़ता से ठुकराता है। G20 अध्यक्ष के रूप में देश के किसी भी हिस्से में अपनी बैठकों की मेजबानी करना भारत का विशेषाधिकार है।

स्थायी मिशन ने आगे लिखा कि हम मानते हैं कि @fernanddev ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करते हुए गैर-जिम्मेदाराना तरीके से काम किया है। उन्होंने SR के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और सोशल मीडिया पर पूर्वाग्रह से प्रेरित बयानों को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किया।

बता दें कि जी20 की बैठक 24 और 25 मई को श्रीनगर में होने वाली है।

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