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अमेरिका ने जारी की धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट, भारत से कहा- ये करो!

एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर रिपोर्ट के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए भारत की 'विशाल क्षमता' की बात की और कहा कि धार्मिक हिंसा की निरंतरता से वह 'दुखी' हैं।

सांकेतिक चित्र Photo by Mika Baumeister / Unsplash

अमेरिका चाहता है कि अपने देश में लगातार हो रही धार्मिक हिंसा की  भारत निंदा करे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को उस समय यह बात कही जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले महीने अमेरिका की राजकीय यात्रा पर आने वाले हैं।

Held at gunpoint
सांकेतिक चित्र Photo by Maxim Hopman / Unsplash

अमेरिका के विदेश विभाग ने 15 मई को धार्मिक स्वतंत्रता पर एक वार्षिक रिपोर्ट जारी की है जिसमें मोदी के हिंदू राष्ट्रवादियों के नेतृत्व वाले राष्ट्र में मुस्लिमों और ईसाइयों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को सूचीबद्ध किया गया है।

एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर रिपोर्ट के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए भारत की 'विशाल क्षमता' की बात की और कहा कि धार्मिक हिंसा की निरंतरता से वह 'दुखी' हैं। अधिकारी ने कहा कि इन चिंताओं के संबंध में हम भारत सरकार को हिंसा की निंदा करने और धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति अमानवीय बयानबाजी करने वाले लोगों (अधिकारियों) को जवाबदेह ठहराने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रहे हैं।

अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में वह सीधे तौर पर भारतीय अधिकारियों से बात करेंगे। अधिकारी ने कहा कि हम नागरिक समाज के अपने सहकर्मियों और उन पत्रकारों के साथ काम करना जारी रखेंगे जो धार्मिक हिंसा की घटनाओं से हमें लगातार अवगत करा रहे हैं। विदेश विभाग की रिपोर्ट प्रत्यक्ष शोध के साथ-साथ मीडिया और एडवोकेसी समूहों के अनुभवों के आधार पर भारत के गुजरात राज्य में हिंदुओं को घायल करने के आरोपी मुस्लिमों के खिलाफ घरेलू विध्वंस और मुसलमानों की पुलिस द्वारा सार्वजनिक पिटाई के बारे में चिंताओं की ओर इशारा करती है।

दूसरी तरफ भारत की ओर से इस तरह की खबरों और रिपोर्ट को लगातार खारिज किया जाता रहा है। भारत ने कुछ ही समय पहले अमेरिका के इस स्वायत्त आयोग की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी वाली रिपोर्ट को खारिज किया था जिसने अपने प्रमाणों के आधार पर विदेश विभाग से भारत को 'ब्लैकलिस्ट' करने का अनुरोध किया था।

बहरहाल, इस साल के अंत में राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन धार्मिक स्वतंत्रता पर 'विशेष चिंता वाले देशों' की सूची जारी करेंगे लेकिन यह तय है कि उसमें भारत का उल्लेख नहीं होगा। इसलिए क्योंकि अमेरिका दशकों से भारत के साथ मधुर संबंध बना रहा है। जाहिर तौर पर इसकी एक वजह और गरज चीन है।

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