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NYT के बाद काश पटेल ने इस संस्थान पर ठोका केस, मांगा $23 मिलियन हर्जाना

काश पटेल ने वर्जीनिया कोर्ट में दायर मुकदमे में हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष और सांसद एडम शिफ को पूरी तरह अविश्वसनीय, जन्मजात झूठा, जानकारियां लीक करने वाला बताते हुए आरोप लगाया गया है कि वह हमेशा ही ट्रंप और काश पटेल को नीचा दिखाने की फिराक में लगे रहते हैं।

अमेरिकी वकील काश पटेल Photo@Wikipedia

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वफादार सहयोगी वकील काश पटेल ने कथित तौर पर रशियागेट घोटाले का खुलासा करने वाले पॉलिटिको पर 23 मिलियन डॉलर (करीब 1.90 अरब रुपये) की मानहानि का मुकदमा कर दिया है। पटेल का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट में यह गलत दावा किया गया है कि उन्होंने (पटेल ने) खुद को यूक्रेन एक्सपर्ट बताते हुए राष्ट्रपति को गलत जानकारी दी थी, जिसकी वजह से उन्होंने यूक्रेन को 400 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद रोक दी थी।

Donald Trump (impersonator) at the White House, Washington DC.
काश पटेल को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वफादार सहयोगी माना जाता है। Photo by Darren Halstead / Unsplash

एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्जीनिया में हेनरिको काउंटी सर्किट कोर्ट में दायर इस मुकदमे में हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष और सांसद एडम शिफ (डी-कैलिफोर्निया) को पूरी तरह अविश्वसनीय, जन्मजात झूठा, जानकारियां लीक करने वाला बताते हुए आरोप लगाया गया है कि वह हमेशा ही ट्रंप और काश पटेल को नीचा दिखाने की फिराक में लगे रहते हैं। पटेल ने दावा किया कि पॉलिटिको को भी पता था कि एडम शिफ भरोसा करने लायक इंसान नहीं हैं।

पेंटागन के पूर्व अधिकारी और लंबे समय तक हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के सहयोगी रहे पटेल का कहना है कि इस केस में जीतना उनका अंतिम लक्ष्य नहीं है लेकिन इस मुकदमे का उद्देश्य मुख्यधारा की मीडिया में धोखाधड़ी वाली रिपोर्टिंग का पर्दाफाश करना है। उन्होंने कहा है कि उन्हें पैसों की परवाह नहीं है लेकिन वह चाहते हैं कि सचाई सबके सामने आए।

दरअसल, 2019 में ट्रंप के सहायक रहे काश पटेल को कई समाचार रिपोर्टों में यूक्रेन के मसले पर तब के राष्ट्रपति ट्रंप का विशेष बैक चैनल सलाहकार बताया गया था। एक न्यूज रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दिसंबर 2019 में हाउस इंटेलिजेंस कमेटी डेमोक्रेट्स द्वारा जारी 300 पन्नों की महाभियोग रिपोर्ट में कहा गया था कि यूक्रेन को लगभग 400 मिलियन डॉलर (करीब 32 अरब रुपये) की सैन्य सहायता रद्द करने से पहले काश पटेल ने राष्ट्रपति के निजी वकील रूडी गिउलियानी से बात की थी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि यह भी देखने वाली बात है कि ट्रंप प्रशासन में यह भारतीय अमेरिकी एक कर्मचारी से अंदरूनी सूत्र कैसे बन गया। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने गिउलिआनी द्वारा यूक्रेन से की गई बात का खंडन किया था।

वैसे यह पहली बार नहीं है जब काश पटेल ने किसी प्रकाशन पर मुकदमा दायर किया है। 2019 में उन्होंने द न्यू यॉर्क टाइम्स पर मुकदमा किया था और दावा किया था कि अखबार ने उन पर यूक्रेन मामले पर व्हाइट हाउस का बैक चैनल होने का झूठा आरोप लगाया। पटेल ने टाइम्स पर 44.9 मिलियन डॉलर का मुकदमा किया था।

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